Friday, April 19, 2024
उत्तराखंडपिथौरागढ़

10 वर्षों बाद उत्तराखंड को मिला यह राष्ट्रीय सम्मान, पिथौरागढ़ के अजय ओली ने किया कमाल

-आकांक्षा थापा

उत्तराखंड का सर एक बार फिर गर्व से ऊँचा हो गया है, पिथौरागढ़ में रहने वाले अजय ने पूरे देश में उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिया है। दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर सीमांत के अजय ओली को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अजय ओली की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि देश के सभी युवाओं केा समाज हित में अपना योगदान देना होगा, तभी श्रेष्ठ भारत का निर्माण किया जा सकता है। विज्ञान भवन में बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय युवा दिवस पर देश भर के 22 युवाओं को सम्मानित किया गया, जिसमें उत्तराखंड से अजय ओली शामिल रहे। आपको बता दें 10 वर्षों बाद उत्तराखंड को यह राष्ट्रीय सम्मान मिला है।

अजय को बालश्रम और बाल भिक्षा को खत्म कर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए यह पुरस्कार दिया गया। अजय पिछले सात वर्षों से हजारों बच्चों को शिक्षा से जोड़ चुके हैं और कई बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने में लगे हैं। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अजय ने युवाओं के नाम संदेश में कहा की सबसे पहले तो यह अवार्ड समाज का है और उनमें भी युवाओं को इसका श्रेय जाता है। कहा भारत के नव निर्माण में युवाओं का सक्रिय होना और समाज से जुड़कर अपनी सेवाएं देना बहुत जरूरी है। आपको बता दें अजय ओली लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज कर चुके हैं। साथ ही, उत्तराखंड के राज्यपाल के हाथों भी सम्मानित हो चुके हैं। ओली अब तक नंगे पांव से 98 हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर 109 शहरों में 13 हजार से ज्यादा जागरूकता अभियान और कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं।

विस्तार में..
अजय ने आईएचएम लखनऊ से हॉस्पिटैलिटी एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट में पढ़ाई की है. .. और वर्त्तमान में चाइल्ड वेलफेयर के साथ वे एक कंपनी में करियर कॉउंसलर और पर्सनालिटी डेवलपर के रूप में कार्यरत हैं। अजय लिखने का शौक भी रखते हैं, इसलिए ‘फ्रीलान्स राइटिंग’ भी कर लेते हैं..
29 सितम्बर 2015 को अजय ओली ने बाल श्रम और बाल भिक्षा के खिलाफ नंगे पैर चलना शुरू किया। जिसके बाद उन्होंने “भीख नहीं देंगे अभियान” की शुरुआत की जिसके तहत वो लोगों को शपथ दिलाते हैं की वो कभी भी किसी बच्चे को भीख नहीं देंगे। उनका सफर भले ही कठिनाइयों से भरा हुआ हो, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अजय की इसी मेहनत की वजह से आज पिथौरागढ़ चाइल्ड बेग्गींग फ्री बन चुका है…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *