अखिर कहाँ गायब हो गया मलूकचंद आंगनबाड़ी ?आज़ाद अली ने मुख्य विकास अधिकारी से की खोजने की अपील
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अजीबोगरीब शिकायत सीडीओ दफ्तर में दर्ज कराई गई है जिसमें कहा गया है कि पांच आंगनबाड़ियों के संचालन में एक आंगनबाडी कहीं वजूद में ही नहीं है और वह लंबे समय से कागजों पर चलाई जा रही है। मामला विकासनगर के हसनपुर कल्याणपुर का है। मुख्य विकास अधिकारी के दफ्तर में शिकायत दर्ज कराने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सहसपुर से सक्रिय जनप्रतिनिधि आजाद अली ग्राम प्रधान शराफ़त अली के साथ देहरादून में सीडीओ दफ्तर पहुंचे और जहां एक लिखित शिकायत कर मामले की जांच कराने की गुजारिश भी की है ।
शिकायत में कहा गया है कि 4 आंगनवाड़ी तो चल रही है लेकिन एक आंगनवाड़ी जिसका जिक्र सरकारी दस्तावेज में है उन इलाकों में नहीं है जहां उसे दिखाया गया है ।आपको बता दें कि सहसपुर और विकास नगर के तमाम इलाकों में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों की बड़ी संख्या मौजूद है जिनकी उम्मीद का एकमात्र सहारा आंगनबाड़ी होता है जहां उन्हें राज्य सरकार की तमाम योजनाओं का फायदा देने का दावा किया जाता है लेकिन यह दुर्भाग्य ही है जीरो टॉलरेंस की मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार में फाइलों और कागजों में ही घालमेल करके कुछ अधिकारी और नेता आंगनवाड़ी जैसी जरूरी संस्था को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहे हैं
… कल्याणपुर, डांडापुर, हसनपुर और आवलावाला मे तो आँगनबाडी चल रहे हैं लेकिन मलूकचंद के नाम से चलाये जा रहे कथिक तौर पर आगनबाडी का कोई अतापता नही है। आपको बता दे कि हसनपुर के प्रधान के साथ इस मामले को उठाने वाले सहसपुर से आगामी विधानसभा चुनाव की जोर शोर से तैयारी कर रहे स्थानीय जननेता आज़ाद अली लगातार स्थानीय मुद्दों को उठा रहे हैं
और अब इस मामले मे भी उन्होने जल्द जांच करने के लिये मुख्य विकास अधिकारी से अपील की है।
दरअसल आँगनबाडी के अभाव मे मलूकचंद की स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को उनका हक और जरुरी स्वास्थ्य सेवायें नहीं मिल रही है जिससे उन्हे इधर उधर भटकना पड़ रहा है और बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना होगा की सरकारी लापरवाही और कुछ लोगों के निजी स्वार्थ की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये गरीब महिलाओ और बच्चो के उम्मीदों का केंद्र मलूकचंद आँगनबाडी सहसपुर की वंचित महिलाओं को लब तक मिल सकेगा।