उत्तराखंड सरकार का करीब 33.50 करोड़ की लागत से आपदा प्रबंधन के लिए बना वेब पोर्टल ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ (डीएसएस) कोई उपयोगी साबित नहीं हो रहा है। यह पोर्टल अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है। इस पोर्टल के संचालन के लिए मार्च 2022 तक अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रेनिंग ही नहीं हो पाई थी। जबकि आपदा की स्थिति में यह वेब पोर्टल बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। बता दें कि 2019 में आपदा प्रबंधन विभाग ने विश्व बैंक की सहायता से यह वेब पोर्टल डेवलॅप किया था। इसके बाद इस पोर्टल को आपदा प्रबंधन को सौप दिया गया था। जिसके बाद विभाग के अधिकारीयों को ट्रेनिंग दी जानी थी। लेकिन कोरोना काल के यह काम लगातार पिछड़ता चला गया। अब जाकर मार्च 2022 में ट्रेनिंग शुरू हो पाई है।
बता दें कि इस वेब पोर्टल पर हर वह जानकारी मौजूद है जो आपदा प्रबंधन के समय तुरंत कार्रवाई के लिए काम आ सकती है। इसके इस्तेमाल से किसी भी जिले में बैठा अधिकारी अपने लैपटॉप की सहायता से एक जगह पर बैठकर पूरे प्रबंधन को कंट्रोल कर सकता है। इसका इस्तेमाल केवल आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन और लाइन विभागों से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी ही कर सकते हैं।
वेब पोर्टल को थाईलैंड की कंपनी एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी) ने तैयार किया था। 2019 में कोरोना काल के बाद इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। अब जाकर मार्च 2022 में ट्रेनिंग शुरू हो पाई है। प्रदेश में 15 लाइन विभागों के सैकड़ों अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जानी है और इस काम में केवल सात ट्रेनरों को लगाया गया है। एक-एक ट्रेनर को दो जिले बांटे गए हैं। ऐसे में ट्रेनिंग का काम कब तक पूरा हो पाएगा, कहना मुश्किल है।