Friday, April 26, 2024
राष्ट्रीयस्पेशल

5 करोड़ की संपत्ति हाथियों के नाम, गर्भवती हथिनी की मौत की खबर के बाद दिल को सुकून देने वाली खबर

केरल में गर्भवती हथिनी की हत्या का दर्द अभी भी लोगों को दर्द दे रहा है लेकिन इसी बीच एक सुकून भरी खबर बिहार से आई है। जहां पटना में एक शख्स ने अपनी 5 करोड़ की संपत्ति 2 हाथियों के नाम कर दी। पटना दानापुर के जानीपुर में रहने वाले अख्तर इमाम नाम के शख्स ने हाथियों को अपने बेटे से बढ़कर मानकर एक मिसाल पेश की है । आपको बता दें कि इमाम ने अपने दो हाथियों को 5 करोड़ की जायदाद का मालिक बनाकर हर किसी को चौंका दिया।

अख्तर इमाम के मुताबिक, उनके बेटे के गलत रास्ते पर चलने से उन्हें गहरा झटका लगा, इसलिए उन्होंने उसे जायदाद से बेदखल कर आधी संपत्ति पत्नी और आधी संपत्ति हाथियों के नाम कर दी। इमाम ने रजिस्ट्री ऑफिस जाकर दोनों हाथियों के नाम दस्तावेज भी बनवा दिए हैं। ऐरावत संस्था के नाम 5 करोड़ की संपत्ति दान की गई है और यही संस्था हाथियों की देखभाल करती है। अख्तर इमाम का कहना है कि अब अगर उन्हें कुछ भी जाता है तो सारी संपत्ति ऐरावत संस्था के नाम हो जाएगी ताकि इन हाथियों का संरक्षण हो और इन्हें तस्करों से बचाया जा सके। दोनों हाथियों के नाम संपत्ति करने वाले इमाम को लोग हाथियों वाला कहकर भी पुकारते हैं। अख्तर इमाम ने दोनों हाथियों का नाम भी रखा है। एक का नाम ‘मोती’ तो दूसरे का नाम ‘रानी’ है। अख्तर इमाम ऐरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक भी हैं। इनका पूरा जीवन हाथियों के लिए ही समर्पित रहा है। मोती और रानी नाम के हाथियों से जुड़ी यादों को याद करते हुए अख्तर इमाम बताते है कि एक बार उन पर जानलेवा हमला किया गया था, लेकिन हाथियों ने मुझे बचा लिया था। पिस्तौल हाथ में लिए बदमाश जब मेरे कमरे की तरफ बढ़ने लगे तो हाथी इसे देखकर चिंघाड़ने लगे। इसी बीच मेरी नींद खुल गई और शोर मचाने पर बदमाश भाग निकले। इसलिए किया बेटे को संपत्ति से बेदखल अख्तर इमाम ने अपने बेटे को उसकी गलत हरकतों के कारण संपत्ति से बेदखल किया है। उनका कहना है कि जायदाद के चक्कर में उनके बेटे ने अपनी प्रेमिका के साथ दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवा दिया था। जांच में आरोप झूठा पाया गया। अख्तर कहते हैं कि मेरे बेटे मेराज ने पशु तस्करों से मिलकर भी साजिश रची थी। लेकिन वह पकड़ा गया। इसलिए अब मैंने अपनी पूरी जायदाद हाथी के नाम कर दी है।  लेकिन कुल मिलाकर अख्तर इमाम ने हाथियों से लगाव के चलते जो कदम उठाया वो बेहद सराहनीय है ।

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