उत्तराखंड के रैन बसेरो मे होगी कम्बल-बिस्तर की अदला-बदली
सर्दियों से निपटने के लिए शासन ने सभी ज़िलों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि शीतलहर के सीज़न में उनके यहाँ पर्याप्त खाद्य आपूर्ति का स्टॉक उपलब्ध हो या निर्बाध आपूर्ति बरकरार बनी रहे. मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी रैनबसैरों में पर्याप्त मात्रा में कम्बल उपलब्ध हों और उनमें पेयजल, शौचालय तथा पर्याप्त साफ-सफाई रहे. कोविड-19 से अधिक प्रभावित मैदानी ज़िलों के रैनबसैरों में अतिरिक्त कम्बल की आपूर्ति की जाए जिससे कोरोना के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत कम्बल-बिस्तर की अदला-बदली की जा सके।
अतिरिक्त संसाधनों की मांग
सचिवालय सभागार में शीतलहर से निपटने के लिए विभागों और ज़िला स्तर पर की गयी तैयारियों के सम्बन्ध में आयोजित समीक्षा बैठक में उत्तराखण्ड क्षेत्र के मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने आने वाले दिनों के मौसम के बारे में जानकारी दी. प्रेजेन्टेशन के माध्यम से उन्होंने उत्तराखण्ड में शीतलहर से प्रभावित होने वाले मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ़बारी, कुहरे आदि से सम्बन्धित घटनाओं की संभावना और उसकी तीव्रता के बारे में बताया.
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को प्रत्येक ज़िले की संसाधनों की मांग को पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि शीत लहर के दौरान आवश्यकतानुसार ज़िले के विभिन्न क्षेत्रों में अलाव जलते रहेंगे, रैनबसैरों को आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाए अथवा उनकी क्षमता बढ़ाई जाए. जिन ज़िलों में बर्फ के चलते सड़क जाम की समस्या आती है, वहां पर पर्याप्त मात्रा में स्नोफॉल क्लीयरिंग मशीन, जेसीबी और प्रशिक्षित कार्य बल उपलब्ध कराया जाए.
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने फ़ोन नंबरों को बेहतर और प्रभावी सूचनाओं के आदत-प्रदान के लिए रिमोट एरिया में सूचना बोर्ड पर और आपातकालीन स्थिति के लिए महत्वपूर्ण अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।