पौड़ी के गांवों में बाघ की दहशत, धारा 144 लागू, बच्चों के स्कूल जाने पर भी लगी पाबंदी
पौड़ी के कई गांवों को लोग इन दिनों दहशत के साये में जी रहे हैं। और ये दहशत किसी कुख्यात दुर्दांत अपराधी की नहीं बल्कि बाघ की है। बाघ का ये खतरा पौड़ी जिले के रिखणीखाल और नैनीडांडा ब्लॉक के कई गांवों में बना हुआ है। बाघ के खतरे को देखते हुये जिला प्रशासन को बाघ प्रभावित 25 गांवों में शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक र्क्फूयू लगाना पड़ा है। इतना ही नहीं इन इलाकों में धारा 144 भी लागू की गई है। प्रशासन ने क्षेत्र में दिन के समय भी अकेले आवाजाही न करने की हिदायत जारी की है। साथ ही इन गांवों के बच्चों को स्कूल जाने से मना कर दिया गया है।
आपको बता दें कि रिखणीखाल की ग्राम पंचायत मेलधार के डल्ला गांव में 13 अप्रैल की शाम खेतों में काम कर रहे बीरेंद्र सिंह को बाघ ने मार डाला था। तब से गांव के आसपास दो बाघों की मूवमेंट बनी हुई है। वन विभाग के ड्रोन सर्वे में भी इस बात की पुष्टि हुई है। इसके बाद करीब 25 किमी दूर स्थित नैनीडांडा के बूंगी में 15 अप्रैल की रात बाघ ने एक और व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया। जिसके बाद से वन विभाग ने क्षेत्र में बड़ी संख्या में वन कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। ड्रोन कैमरे से भी पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक बाघ न केवल इंसानों को बल्कि मवेशियों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। बाघ के खौफ से समूचे इलाके में दहशत बनी हुई है। साथ ही स्थानीय लोगों ने मांग की है कि वन विभाग बाघ को आदमखोर घोषित करे। लेकिन वन विभाग फिलहाल लोगों को सुरक्षित रहने की हिदायत दे रहा है और इलाके में पिंजरे लगाकर पैनी नजर रखी जा रही है। वन विभाग ने यहां ट्रैंकुलाइज टीमें तैनात कर दी हैं।