पीएम केयर्स फंड की जानकारी आरटीआई के तहत मुहैया कराने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका
दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में आए धन और उसका किन मदों में कितना इस्तेमाल हुआ, इसकी जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उपलब्ध कराने के संबंध में बृहस्पतिवार को एक याचिका दायर की गई।
याचिकाकर्ता वकील सुरेंद्र सिंह हुड्डा ने इस याचिका पर वेब लिंक के जरिए तत्काल सुनवाई करने की अपील की और इसे 10 जून के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मार्च को इस कोष का गठन किया था और सभी भारतीय नागरिकों से अपील की थी कि वे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश की मदद करने के लिए आर्थिक सहायता दें।
याचिका में कहा गया है कि दो महीने बाद इस कोष में लगभग 10000 करोड़ रुपये जमा हुए हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रतिष्ठा के आधार पर यह राशि जमा हुई। याचिका में समाचार पत्रों में 31 मई को प्रकाशित उन खबरों का हवाला दिया गया है, जिसमें हर्षा कुंदकर्नी को पीएम केयर्स फंड ने यह कहकर सूचना देने से मना कर दिया है कि आरटीआई अधिनियम, 2005 के तहत यह कोष ‘लोक प्राधिकार नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस के मरीजों को धन की सख्त जरूरत है और वे पीएम केयर्स फंड में जमा राशि के इस्तेमाल के जरिये इलाज और वित्तीय सहायता हासिल करने के मूलभूत अधिकारों को लागू कराने की स्थिति में नहीं हैं।