नैनी झील नैनीताल का मुख्य आकर्षण केंद्र रहा है। लेकिन नैनीझील और नैनीताल नगर पर एक बार फिर से गंभीर संकट नजर आने लगा है। इस सीजन में नैनीझील का जलस्तर आज तक के इतिहास में सबसे कम दिखाई दिया है। मानसून सीजन में औसत से कम वर्षा आगामी दिनों के लिए भी परेशानी खड़ी कर रही है। इस साल मानसून लगभग समाप्ति पर है जबकि नैनी झील का स्तर इस माह के सामान्य जलस्तर से करीब चार फीट कम है। अब इसके अधिक बढ़ने के आसार भी नजर नहीं आ रहे है। कम बारिश होने के कारण नैनीताल के प्राकृतिक जलस्रोत भी पूरी तरह रिचार्ज नहीं हो पाए हैं। अगर यही हालत रही तो अगली गर्मियों में जलसंकट से गुजरना पड़ सकता है। इस वर्ष मानसून में महज 565 मिमी ही वर्षा हुई, जो कि मानसून के दौरान बेहद कम है। अमूमन नैनीझील का सर्वाधिक जलस्तर 12 फीट होता है। हर वर्ष अगस्त-सितंबर के माह तक जलस्तर इसके आसपास पहुंच जाता है। लेकिन इस वर्ष बरसात के लिहाज से मानसून सूखा रह गया। करीब तीन माह के मानसून काल में 565 मिमी ही वर्षा दर्ज हो पाई है। वर्तमान में झील का जलस्तर सामान्य से आठ फीट ऊपर बना हुआ है। जोकि बीते वर्ष 12 फीट था। यदि शीतकाल में अच्छी वर्षा और बर्फबारी नहीं हुई तो गर्मियों में जल संकट गहरा सकता है।
बीते पांच वर्षो में यह रहा झील का जलस्तर
वर्ष जलस्तर वर्षा जनवरी से अब तक
2022- 8 फीट- 1108 मिमी
2021- 12 फीट- 1773 मि मी
2020- 11.3 फीट- 1567 मिमी
2019- 8.9 फीट- 1325 मिमी
2018- 11.8 फीट- 1865 मिमी
2017- 9.5 फीट- 3084 मिमी