Tuesday, April 23, 2024
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किन्नर अखाड़े की मुश्किल –  2021 हरिद्वार कुंभ में शाही स्नान के अधिकार को लेकर विवाद गहराया 

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने कहा है कि सदियों से चली आ रही अखाड़ा परंपरा का उल्लंघन कर किन्नर अखाड़े को मान्यता नहीं दी जा सकती है। दिगंबर अणी अखाड़े के स्थानीय प्रतिनिधि बाबा हठयोगी ने कहा कि वर्तमान अखाड़ा परिषद का गठन ही असांविधानिक है।  

सदियों से चली आ रही परंपरा के तहत केवल 13 अखाड़ों को ही मान्यता प्राप्त है। तीन बैरागी अणियों में 18 अखाड़े शामिल हैं, लेकिन सभी बैरागी अखाड़े तीनों अणियों के साथ ही कुंभ मेले में शाही स्नान करते हैं।


श्रीमहंत हरि गिरि चाहें तो जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े को भी स्नान करा सकते हैं, लेकिन किन्नर अखाड़े को मान्यता नहीं दी सकती है। सरकार और मेला प्रशासन के पास उपलब्ध कुंभ मेला संबंधी रिकॉर्ड में भी केवल 13 अखाड़ों का उल्लेख है।

वर्ष 2010 के हरिद्वार कुंभ में तत्कालीन अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज के समक्ष भी किन्नर अखाड़े के रूप में 14वां अखाड़ा गठित करने का प्रस्ताव आया था, लेकिन उन्होंने परंपराओं का पालन करते हुए इसे ठुकरा दिया था।

वही अब इस मुद्दे पर सन्त समाज की तरफ़ से अलग अलग राय सामने आ रही है —– 


किन्नर अखाड़े को भी कुंभ में स्नान का पूरा अधिकार है। इससे पूर्व भी कुंभ में जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने स्नान किया था। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमंहत हरि गिरि पहले ही कह चुके हैं कि किन्नर अखाड़ा को शाही स्नान करना चाहिए। अब अखाड़ा परिषद को इस विवाद को सुलझाकर फिर से बीच का रास्ता निकालना चाहिए।

-महंत रविदेव शास्त्री, महामंत्री, युवा भारत साधू समाज

सभी को अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमंहत हरि गिरि महाराज के किन्नर अखाड़ा को शाही स्नान की अनुमति मिलने का समर्थन करना चाहिए। यह कोई विवादित विषय नहीं है। पहले भी किन्नर अखाड़ा कुंभ में स्नान कर चुका है।

-महंत दिनेश दास शास्त्री, पीठाधीश्वर, श्रीराम निवास आश्रम   

किन्नर अखाड़े को 14वें अखाड़ा के रूप में मान्यता देना गलत है। किन्नर अखाड़ा कुंभ में जूना अखाड़े के साथ स्नान करे, इसमेें किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

-स्वामी आलोक गिरि, पीठाधीश्वर, नर्मादेश्वर महादेव

किन्नर अखाड़े को मान्यता मिलनी चाहिए। उनको भी अन्य अखाड़ों के भांति शाही स्नान का पूरा अधिकारी है। अखाड़ा परिषद को किन्नर अखाड़े का मान्यता देते हुए विवाद का पटाक्षेप करना चाहिए।

-स्वामी सुतीक्ष्ण महाराज, परमाध्यक्ष, जगद्गुरु उदासीन आश्रम 

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