GOOD NEWS – मिलेगी पहाड़ के स्कूलों में नेट कनेक्टिविटी , ऑनलाइन पढ़ाई होगी आसान
उत्तराखण्ड के हज़ारों बच्चों को जिस तरह से कोरोना संकट के दौरान पढ़ाई के महासंकट से गुजरना पड़ा है वो बेहद नुकसानदेह माना जा रहा है। क्यूंकि न तो पहाड़ों के दुर्गम स्कूलों में बेहतर संचार सुविधा है और न ही संसाधन। ऐसे में बहुत बड़ी राहत अब सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को मिलने वाली है।
जी हाँ , कोरोना संकट काल में घर में स्कूली पढ़ाई से वंचित हो रहे हजारों छात्र-छात्राओं के लिए ये किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है। पहाड़ में ऑनलाइन पढ़ाई में इंटरनेट कनेक्टिविटी की सबसे बड़ी समस्या को अब दूर कर लेने का दावा किया गया है….. भारतनेट प्रोग्राम के ज़रिये राज्य के कक्षा एक से 12वीं तक 17045 सरकारी स्कूलों को इंटरनेट कनेक्शन देने की योजना तैयार है इसके साथ ही हर एक ग्राम पंचायत को 30 जीबी मोबाइल डेटा भी दिया जाएगा ताकि कोई समस्या न आये ……
केंद्र सरकार की इस योजना को जल्द से जल्द से जल्द लागू करने के लिए उत्तराखंड के शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी जिलों के मुख्य शिक्षाधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित भी कर दिया है।
इस योजना की प्रगति रिपोर्ट शासन में अगले एक हफ्ते में ही मांगी गई है। आपको बता दें की कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में सरकारी और निजी सभी शिक्षण संस्थाएं पूरी तरह से बंद हैं। सरकारी स्कूलों में भी ऑनलाइन या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर छात्र-छात्राओं को घर बैठे पढ़ाया जा रहा है। लेकिन पहाड़ में हालात पढ़ायी को लेकर बेहद खराब हैं
ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के काफी कम है। ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बड़ी समस्या है। देर से ही सही लेकिन अब इसका समाधान केंद्र सरकार ने कर दिया है। सरकारी विद्यालयों में केंद्र सरकार की ‘फाइबर टू द होम’ योजना के तहत इंटरनेट कनेक्शन मुहैया कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्य को जानकारी दी है। केंद्र सरकार ने इस कार्य के लिए नामित फर्म सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी-एसपीवी) के राज्य के लिए नामित टीम सदस्यों के संपर्क नंबर भी राज्य सरकार को उपलब्ध कराए हैं। विद्यालयों को इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ने की प्रगति के संबंध में 10 अगस्त तक लिखित ब्योरा केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के दफ्तर से मिली जानकारी के अनुसार योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सभी जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारी ही नोडल अधिकारी होंगे। बच्चों को बेहतर पढ़ाई के लिए संसाधन और संचार सुविधा देने के लिए शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी किए हैं। यानी अगर योजना कामयाब होती है तो पहाड़ के हज़ारों बच्चों को पढ़ाई में हो रहे नुक्सान से राहत मिल जाएगी।