Friday, April 26, 2024
उत्तराखंडकोविड 19देहरादूनराज्य

मुख्य सचिव डॉ एस.एस. सन्धु ने की कोविड की समीक्षा, जिलाधिकारियों को दिए ये निर्देश

उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सचिवालय में शासन के उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। मुख्य सचिव डॉ एस.एस. सन्धु की अध्यक्षता में कोविड की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने कोविड की तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक तैयारियां करने के दिशा निर्देश दिए है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने जनपदों में कोविड की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी जाए। प्रतिदिन कोविड को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। लगातार आमजन में मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जन-जागरूकता फैलाई जाए, साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों पर कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि टेस्टिंग बढ़ाए जाने के साथ ही नियमित तौर पर डाटा अपलोड किया जाए, ताकि स्थिति का सही से अनुमान लगाया जा सके। उन्होंने 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए है। साथ ही 15 से 17 वर्ष के किशोरों को अगले 7 दिनों में वैक्सीनेट करने और 10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को बूस्टर डोज की तैयारी भी सुनिश्चित करने को कहा है

मुख्य सचिव ने पी.एच.सी. और सी.एच.सी. लेवल तक आवश्यक दवाओं, कोविड आईसोलेशन किट आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि होम आईसोलेशन की व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने के लिए सभी आवश्यक कदम समय से उठा लिए जाएं। कोविड के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम आदि को भी एक्टिव कर लिया जाए। मुख्य सचिव ने टेम्परेरी हेल्थ फेसिलिटीज को भी स्टैण्डबाई मोड में एक्टिव रखे जाने के निर्देश दिए। कहा कि कोविड की तीसरी लहर आए या नहीं या वह कितनी प्रभावित करेगी कहना मुश्किल है लेकिन हमें अपनी तैयारियां कोविड से एक कदम आगे रहकर करनी हैं। इसके लिए पूरे सिस्टम को एकजुट होकर प्रभावी तौर पर कार्य करना होगा। अस्पतालों में सामान्य बेड, ऑक्सीजन बेड और वेन्टीलेटर युक्त बेड की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। कहा कि सर्दियों में बर्फ से प्रभावित क्षेत्रों में कोविड के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करना होगा। ऐसे क्षेत्रों में सम्पर्क मार्ग अवरूद्ध हो जाने पर भी क्षेत्रवासियों को समस्या न हो इसके पूर्व में ही प्रबन्ध कर लिए जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *