असम के नए मुख्यमंत्री बने हिमंता बिस्व सरमा, जानिए पूरा राजनीतिक सफर
-आकांक्षा थापा
आज असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद, हिमंता बिस्व सरमा असम के 15वें मुख्यमंत्री बन चुके हैं.. राज्यपाल जगदीश मुखी ने हिमंता बिस्व सरमा के साथ ही 13 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। हिमंता बिस्व सरमा को सर्बानंद सोनोवाल के इस्तीफे के बाद असम राज्य की कमान सौंपी गई है…
With blessings & grace of people of Assam, I took over as Chief Minister of the state today.
Taking Assam to greater heights of prosperity and making it as among the leading states, pursuing the ideals and values of Adarniya Pradhan Mantri Sri @narendramodi, is our pledge. pic.twitter.com/fhJERouAVL
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 10, 2021
कौन हैं असम के नए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा …
हिमंत बिस्वा सरमा असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं। इस बार उन्होंने 1 लाख 1,911 वोटों के बंपर मार्जिन से जीत दर्ज की है। 2015 में हिमंत बिस्वा सरमा ने बीजेपी को जॉइन किया था। राज्य में प्रभाव के मामले में वह सोनोवाल से किसी मायने में कम नहीं हैं….2016 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में असम में बीजेपी की जीत के साथ ही हाल में सीएए विरोधी प्रदर्शन और कोरोना के हालात को संभालने में उनकी अहम भूमिका रही है। 2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद हिमंत को बीजेपी ने नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का संयोजक बनाया था। इसके बाद उन्होंने पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया…
वकालत से सियासत तक पूरा राजनीतिक सफर…
1 फरवरी 1969 को जोरहाट में पैदा हुए बिस्वा सरमा के परिवार में मां मृणालिनी देवी, पत्नी रिनिकी भुयान और दो बच्चे हैं। कामरूप अकादमी से शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने कॉटन कॉलेज गुवाहाटी में दाखिला लिया। पॉलिटिकल साइंस में पीजी बिस्वा सरमा छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे। 1991-92 में वह कॉटन कॉलेज गुवाहाटी के जनरल सेक्रेटरी बने। वहीं गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से एलएलबी और गुवाहाटी कॉलेज से पीएचडी की डिग्री ली। 5 साल तक उन्होंने गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की। मई 2001 में वह पहली बार जालुकबारी सीट से जीते। असम की पिछली सरकारों में वह वित्त, कृषि और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जैसे अहम विभागों के मंत्री रहे। वहीं असम बैडमिंटन असोसिएशन के प्रेसिडेंट और असम क्रिकेट असोसिएशन के वह वाइस प्रेसिडेंट के पद पर भी काबिज हुए। तत्कालीन सीएम तरुण गोगोई से विवाद के बाद जुलाई 2014 में उन्होंने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था…