Monday, April 29, 2024
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देहरादून में आज से शुरू हुआ गढ़ कौथिग, पारंपरिक वेशभूषा के साथ सद्भावना रैली में शामिल हुए उत्तराखंड के लोग

देहरादून में आज से गढ़ कौथिग शुरू हो रहा है। जो बन्नू स्कूल ग्राउंड में अगले 10 दिनों तक चलेगा। आज उत्तराखण्ड के विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े लोगों ने गढ़ कौथिग की सद्भावना रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में उत्तराखंडी वेशभूषा के साथ कई समूह नजर आये। यूं तो गढ़ कौथिग का आयोजन हर साल किया जाता है लेकिन कोरोना के चलते कुछ समय से कैथिग का आयोजन नहीं किया जा सका। मगर इस बार फिर से गढ़ कौथिग का आयोजन किया गया है जो आज से शुरू हो गया है। आज गांधी पार्क से शुरू हुई गढ़ कौथिग सद्भावना रैली में गढ़वाली कुमाउंनी, गोरखाली समेत कई उत्तराखंडियों ने हिस्सा लिया।

इस बार के विशेष आकर्षणों में पहले दो दिन उत्तराखंड के लोक नृत्यों के साथ उत्तराखंडी वेशभूषा प्रतियोगिता रहेगी। इस बार 13 नवंबर और 19 नवंबर को उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध लोकगायकों की गीत संध्या-रमछोल भी होगी। 14 नवंबर को हिमालयी राज्यों के आकर्षक लोकनृत्य और 15 को गढ़वाली कवि सम्मेलन होगा। 16 नवंबर को 2 वर्गों में आयोजित गीत-लोकगीत प्रतियोगिता का फाइनल होगा। 17 को दिव्यांग लोक कलाकारों की प्रस्तुति शाम के समय मुख्य मंच पर होगी। उसी शाम को उतराखण्ड की पांच विभूतियों को गढ़ गौरव सम्मान दिया जाएगा। जिनमें पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, डा.विजय धस्माना, कमल घनशाला, डा.डीआर पुरोहित, डा. जयंत नवानी शामिल हैं।

20 नवंबर को दिन में चक्रव्यूह लोक नाट्य का मंचन, शाम के सत्र में लोकनाट्य मुख जात्रा व नंदा की कथा का मंचन देखने को मिलेगा। इसके अतिरिक्त डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों की लोकनृत्य प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। सुबह के कार्यक्रमों में चक्रव्यूह नाटक, निजी स्कूली छात्रों की गढ़वाली समूहगान प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता होगी। सुबह के सत्र में दो दिन उत्तराखंड के विविध लोकवाद्य यंत्रों की प्रस्तुति और 18 नवंबर को सामूहिक प्रदर्शन होगा। कौथिग के दौरान पर्वतीय भोजन, व्यंजन, उत्तराखंडी साहित्य, पर्वतीय हस्तकला, उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगेगी।

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