Sunday, April 28, 2024
राष्ट्रीय

राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां शुरू, ये होंगे एनडीएम गठबंधन के उम्मीदवार, रेस में चार नाम सबसे ऊपर

नई दिल्ली- देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए धीरे-धीरे सरगर्मियां तेज होने लगी हैं। आगामी 24 जुलाई के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इससे पहले जुलाई मध्य में नये राष्ट्रपति का चुनाव होना है। जबकि अगस्त में उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा। जून महीने के मध्य में राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है। लिहाजा उम्मीदवारों के नाम को लेकर अब सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस वक्त देश में एक ही सवाल चारों ओर तैर रहा है कि आखिर कौन होगा भारत का नया राष्ट्रपति। कई नामों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है लेकिन इतना तय है कि राष्ट्रपति वही बनेगा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन का उम्मीदवार होगा। अब आपको बताते हैं कि एनडीए की ओर से देश के अगले राष्ट्रपति का उम्मीदवार कौन हो सकता है। एनडीए गठबंधन की ओर से चार नामों को लेकर चर्चा चल रही है। जिसमें सबसे उपर मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू नाम है।
उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और लंबे समय से भाजपा से जुड़े हैं। नायडू 2002 से 2004 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। वे अटल बिहारी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे। मोदी सरकार में शहरी विकास, आवास, शहरी गरीबी उन्मूलन, सूचना प्रसारण तथा संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण महकमे की कमान संभाली। नायडू अगस्त 2017 से उपराष्ट्रपति हैं। नायडू को राष्ट्रपति बनाकर भाजपा दक्षिण भारत में अपनी जमीनी पकड़ को मजबूत करने के लिए बड़ा सियासी संदेश दे सकती है।
दूसरा नाम है आरिफ मोहम्मद खान का 
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान यूपी के बुलंदशहर के रहने वाले हैं। शाहबानो केस को लेकर आरिफ ने राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आए थे। तीन तलाक, सीएए जैसे मामलों पर आरिफ हमेशा भाजपा के लिए ढाल बने रहे। भाजपा उन्हें प्रगतिशील विचारधारा का मानती है। ऐसे में बीजेपी और आरएसएस एक बार फिर से मुस्लिम चेहरे को राष्ट्रपति बनाकर न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में यह मैसेज देना चाहेंगे कि वे मुस्लिम विरोधी नहीं हैं, बल्कि तुष्टिकरण का विरोध करते हैं। हिन्दू-मुश्लिम मुद्दे को लेकर देश के मौजूदा हालातों के बाद बीजेपी के लिये आरिफ मोहम्मद तुरूप का इक्का साबित हो सकते हैं।
तीसरा नाम है आनंदी बेन पटेल का
आनंदी बेन पटेल पीएम नरेंद्र मोदी की बेहद करीबी हैं, वे यूपी की राज्यपाल हैं। गुजरात की सीएम रह चुकी हैं। माना जा रहा है कि एनडीएम के पहले कार्यकाल में भाजपा ने वैज्ञानिक अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया था, वे राष्ट्रपति भी बने। इसके जरिये भाजपा ने देश और दुनिया के मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश की थी। पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में दलित समाज से आने वाले रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाकर दूसरा बड़ा संदेश दिया। मुस्लिम और दलित के बाद अब भाजपा एक महिला को राष्ट्रपति बनाकर 2024 से पहले महिलाओं में भी एक बड़ा सियासी संदेश देना चाहती है। क्योंकि, यूपीए के पहले कार्यकाल में कांग्रेस ने प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति बनाया था। हालांकि, 80 साल से अधिक की उम्र आनंदी बेन पटेल के आड़े आ सकती है।
चौथा नाम है थावरचंद गहलोत
थावरचंद गहलोत वर्तमान में कर्नाटक के राज्यपाल हैं। बीजेपी के बड़े दलित नेताओं में शुमार थावरचंद गहलोत, केंद्र सरकार में मंत्री, राज्यसभा सदस्य, राज्यसभा में नेता सदन और बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं। उनका नाम बीजेपी के बड़े दलित नेताओं में शुमार है। वे मध्य प्रदेश से आते हैं। गहलोत अपने दायित्यों का ईमानदारी और निष्ठापूर्वक निर्वहन करने के लिये जाने जाते हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बाद एक और दलित को देश के सर्वोच्च पद पर आसीन कर भाजपा दलित समाज के और करीब जाने की कोशिश कर सकती है।
बहरहाल एनडीए गठबंधन की ओर से अभी नाम फाइनल नहीं किया गया है। लेकिन इन चार नामों में से कोई एक नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिये चुना जा सकता है। प्रबल संभावना इस बात की भी है कि हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंतिम समय में किसी ऐसे नाम का चयन कर सकते हैं जिसे देख हर कोई चौंक सकता है।

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