उत्तराखण्ड में बैकलाॅग बढ़ा रहा मौत का आंकड़ा, अस्पतालों के पुराने मामले भी जुड़े
देहरादून-उत्तराखण्ड में सरकार की सख्ती के बाद कई अस्पताल एक साथ पिछली मौतों का रिकार्ड राज्य नियंत्रण कक्ष को भेज रहे हैं। ये वो अस्पताल हैं जो अभी तक मौत की जानकारी छिपाए बैठे थे। उत्तराखंड में कोराना से हुई मौत के मौजूदा आंकड़ों में इन अस्पतालों का बैकलॉग भी जड़ रहा है। जिसके चलते मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
राज्य में ऐसे कई अस्पताल थे जो कुछ दिनों से अपने अस्पताल में कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा छिपाए बैठे थे। शासन ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी तो अब ये अस्पताल कई दिन का रिकॉर्ड एक साथ राज्य नियंत्रण कक्ष को भेज रहे हैं। स्थिति यह है कि पिछले कई से मौत के कुल आंकड़ों में यह बैकलॉग भी जुड़ता जा रहा है। इस कारण मरने वालों की संख्या अब तेजी से बढ़ रही है। शुक्रवार को भी 116 मौत दर्ज की गई हैं। इनमें 46 मौते ऐसी हैं जो 19 अप्रैल से 16 मई के बीच की हैं। इनमें 24 मौत रूड़की के सेना अस्पताल में हुईं। 19 बीएचईएल अस्पताल हरिद्वार, दो मौत सीएमआइ अस्पताल और एक हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में हुई है।
पिछले पांच दिन में उत्तराखंड में 789 मौत दर्ज की गई हैं। जिनमें 40 फीसद यानी 314 मौत बैकलॉग के तौर पर जोड़ी गई हैं। राज्य में मरने वालों की संख्या अब 5600 पहुंच गई है। इस आंकड़े की वजह से राज्य में कोरोना मृत्यु दर बढ़कर 1.82 फीसद हो गई है। इधर उत्तराखण्ड में कोरोना की दूसरी लहर भी कुछ हल्की पड़ती दिखाई दे रही है। पिछले 96 घंटों की बात करें तो नए मामलों की तुलना में अधिक संख्या में मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 3626 नए मामले आए। जबकि दो गुना से ज्यादा 8731 मरीज ठीक हुए हैं।
जिसके बाद रिकवरी दर बढ़कर 75.84 फीसद पर पहुंच गई है। वहीं सक्रिय मामले भी अब 63373 रह गए हैं। अभी तक प्रदेश में कोरोना के तीन लाख सात हजार 566 मामले आए हैं। जिनमें दो लाख 33 हजार 266 स्वस्थ हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटे में निजी व सरकारी लैब से 42436 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें 38810 रिपोर्ट निगेटिव आई है। संक्रमण दर 8.54 फीसद रही है। छह जिलों में संक्रमण दर दस फीसद से नीचे है। ऊधमसिंह नगर में संक्रमण दर पांच फीसद से भी कम रही है। नौ पहाड़ी जिलों की बात करें तो इनमें से आठ जिलों में संक्रमण दर 15 फीसद से कम है। जबकि कुछ समय पहले यहां संक्रमण दर 20 फीसद से ज्यादा थी।