देहरादून के इस पार्क में पैदल चलने के लिये भी देने होंगे पैसे, ये कैसा सिटी पार्क
देहरादून में सहस्त्रधारा हेलीपैड के सामने बना एमडीडीए का फॉरेस्ट सिटी पार्क कुछ दिनों पहले से आम लोगों के लिये खोला गया है लेकिन ये पार्क शुरू होते ही सुर्खियों में आ गया। क्योंकि इस पार्क में पैदल चलने वालों से भी एमडीडीए पैसा वसूल रहा है। जिससे स्थानीय लोगों में भारी रोष है।
भारतीय नागरिक का सरकारी टैक्स से चोली दामन का साथ है। सुबह सुबह उठने से लेकर रात सोने तक एक आम भारतीय 25 तरह के टैक्स भरता है।
यानी देश की आम जनता खाती कम, टैक्स ज्यादा चुकाती है। और सरकार की कमाई का मुख्य साधन आपकी कमाई है। आपको तरह तरह की सुविधा देने के नाम पर टैक्स लिया जाता है, और बदले में आपको मिलता क्या है, सोचिएगा जरूर।
टैक्स की ऐसी ही मार देहरादून के स्थानीय लोगों पर भी पड़ रही है। एमडीडीए द्वारा सहस्त्रधारा हेलीपैड के सामने एक शानदार पार्क बनाया गया है। जिसे फॉरेस्ट सिटी पार्क का नाम दिया गया। इसमें ट्रैकिंग, साइकिलिंग, लाइब्रेरी, कैफेटेरिया, बच्चों के लिये झूले, म्यूजिकल फाउंटेन जैसी तमाम सुविधाएं मुहैया कराईं गईं हैं, हालांकि ये पार्क बनने की प्रक्रिया में ही है।
यहां एन्ट्री के लिये फीस रखी गई है।
1 से 6 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिये 10 रूपये। अगर एक माह का प्रवेश पास बनाया जाता है तो 250 रूपये में बनेगा।
6 से उपर वालों के लिये 20 रूपये और एक माह का पास चाहिए तो 500 रूपये देने होंगे।
और 30 रूपये पार्किंग शुल्क रखा गया है।
पार्क में प्रवेश का शुल्क भी ठीक है लेकिन जो सबसे ज्यादा खल रहा है सुबह सुबह मॉर्निंग वॉक करने वालों से भी पैसा वसूला जा रहा है। मगर एमडीडीए ने उस वॉकिंग पर भी टैक्स लगा दिया है जो सीनियर सिटीजन, आम लोग सुबह-सुबह के वक्त बस एक घंटे करना चाहते हैं।
ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जनता के टैक्स से पहले पार्क बनाया और अब उसमें जाने के लिये भी जनता पैसा देगी। पार्क में मौजूद तमाम सुविधाओं का जो फायदा उठाये उससे पैसा लेना तो जायज, मगर जो लोग सुबह केवल 1 घंटा वॉकिंग कर निकल जाते हैं उनसे पैसा आखिर क्यों लिया जा रहा है?