दुनियाभर में हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे का कारण लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरुकता पैदा की जा सकें। दुनियाभर में सोशल मीडिया, सोशल गैदरिंग और कई तरह के कार्यक्रम आयोजन कर पर्यावरण से जुड़े फैक्ट्स शेयर किए जाते हैं, ताकि लोगों को इसके बारे में पता चल सके। कई स्थानों में फिल्म और डॉक्यूमेंट्री के जरिये भी पर्यावरण सुरक्षा का सन्देश पहुंचाया जाता है। वहीं कुछ संस्थाओं की तरफ से पौधा रोपण का आयोजन किया जाता है। कुल मिलकार प्रयास यह किया जाता है कि वातावरण के लिए खतरनाक प्लास्टिक जैसे कई पदार्थों का उपयोग बंद किया जाए और सोलर एनर्जी जैसी इको फ्रेंडली चीजों को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग में लाया जाए।
लेकिन पर्यावरण दिवस मनाने के लिए आज ही का दिन को क्यों चुना गया? संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से साल 1972 में वैश्विक स्तरपर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी गई। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई। यहां दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 119 देश शामिल हुए थे। सभी ने एक धरती के सिद्धांत को मान्यता देते हुए हस्ताक्षर किए। इसके बाद 5 जून को सभी देशों में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाने लगा।
‘विश्व पर्यावरण दिवस’ को हर साल नए थीम के साथ मनाया जाता है। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम है, ‘ओन्ली वन अर्थ’ मतलब ‘केवल एक पृथ्वी’ है. साल 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन का नारा “केवल एक पृथ्वी” था; 50 साल बाद भी, ये सच्चाई अभी भी कायम है – ये ग्रह हमारा एकमात्र घर है।