हर साल 4 जनवरी को पूरे विश्व में विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 4 जनवरी को लुई ब्रेल के जन्मदिन पर उन्हें याद किया जाता है। दरअसल दुनिया में लाखों नेत्रहीन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने महान वैज्ञनिक लुई ब्रेल ने महज 15 साल की उम्र में ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ”ब्रेल” एक ऐसी भाषा है जिसका उपयोग दृष्टिबाधित लोग पढ़ने और लिखने के लिए करते हैं। लुई ब्रेल के इस आविष्कार के बाद सभी नेत्रहीन लोग पढ़ने-लिखने में सक्षम हुए। जिसके बाद लुई ब्रेल सभी नेत्रहीन लोगो के लिए मसीहा बन गए। लुई ब्रेल के जीवन काल में उन्हें उनके काम के लिए उचित सम्मान नहीं मिला, लेकिन उनके मरणोपरांत उन्हें 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा विश्व ब्रेल दिवस क नाम से अनुमोदित किया गया।
आपको बता दें कि लुई ब्रेल खुद भी नेत्रहीन थे, तीन साल की उम्र में एक दुर्घटना के चलते उन्होंने अपनी दृष्टि खो दी थी। 1824 में ब्रेल ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने काम को प्रस्तुत किया था। ब्रेल ने एक प्रोफेसर के रूप में सेवा की और अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण समय ब्रेल लिपि प्रणाली का विस्तार करने में बिताया। ब्रेल ने 1829 में पहली बार ब्रेल लिपि प्रणाली प्रकाशित की थी। आठ साल बाद उनकी इस भाषा पर एक बेहतर संस्करण प्रकाशित हुआ। सन् 1824 में पूर्ण हुई यह लिपि आज दुनिया के लगभग सभी देशों में उपयोग में लाई जाती है।