Saturday, June 14, 2025
उत्तराखंड

रूसी सैलानी के लिये देवदूत बनीं गांव की महिलाएं, घायल होने पर ग्रामीणों ने सड़क तक पहुंचाया

अपने साथियों के साथ घूमने आया रूसी नागरिक अमस्यारी गांव के पास फिसलकर घायल हो गया। समीप स्थित गांव की महिलाओं ने सबसे पहले उसे घायलावस्था में खेत में पड़ा देखा और इसके बाद स्ट्रेचर से सड़क मार्ग तक पहुंचाया। चोटिल रूसी नागरिक इसके बाद वह अपने साथियों के साथ एक निजी वाहन में बैठकर अमस्यारी की ओर रवाना हो गया।
जानकारी के मुताबिक रूसी नागरिक 55 वर्षीय बोरिस अपने साथी 54 वर्षीय इगोर के साथ टूरिस्ट वीजा पर इन दिनों भारत घूमने आया है। बताया जा रहा है बोरिस का साथी इगोर पेशे से सर्जन है। भ्रमण के तहत बोरिस बीते शनिवार सायं ग्वालदम से गरुड़ की ओर पैदल घूमने निकला। अमस्यारी गांव के पास उसका पैर फिसल गया और वह असंतुलित होकर खेत में गिर गया। घास लेकर घर को लौट रही महिलाओं ने उसे घायलावस्था में देखा। वह हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगा रहा था। लेकिन उसकी भाषा स्थानीय महिलाओं की समझ में नहीं आई। इस पर ग्रामीण महिला चंद्रा जोशी, हेमा जोशी, अनीता जोशी व सीमा परिहार ने मानवता का परिचय देते हुए स्ट्रेचर मंगाया और बोरिस को सड़क की ओर लाने लगे। इतने में उसका साथी सर्जन इगोर तथा पंकज कुशवाहा भी वहां पहुंच गए।
सर्जन ने उसका प्राथमिक उपचार किया। फिर तीनों एक निजी वाहन से गरुड़ की ओर चल दिए। गरुड़ से आगे भेटा गांव में स्थित एक होम स्टे में वह ठहरे थे। इधर सूचना मिलते ही बैजनाथ के थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नगरकोटी दलबल के साथ होम स्टे पहुंचे तथा उनसे पूछताछ की। थानाध्यक्ष नगरकोटी ने बताया कि तीनों साथी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए हैं, अभी 10 दिन वह यहां भ्रमण करेंगे। उन्होंने बताया कि बोरिस मामूली रूप से घायल हुआ था, जो अब स्वस्थ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *