अंकिता भंडारी हत्याकांड ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। खासकर उत्तराखण्ड की महिलाओं को इस घटना ने भीतर तक हिलाकर रख दिया है। वो महिलाएं ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रही हैं तो प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रही हैं। अब इस मुद्दे पर यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षाओं में चयनित महिला अभ्यर्थियों ने भी चिंता जताई है। स्नातक स्तरीय परीक्षाओं में चयनित महिला अभ्यर्थियों का कहना है कि प्राइवेट सेक्टर में जॉब करना महिलाओं के लिये खतरनाक होता जा रहा है। अंकिता भंडारी जैसी हजारों महिलाएं प्राइवेट सेक्टर में भारी मानसिक दबाव के बीच जॉब करने को मजबूर हैं क्योंकि राज्य में सरकारी नौकरी नहीं है। चयनित अभ्यर्थियों का कहना है वो आज बेहद ठगा सा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि परीक्षा पास करने के बाद भी उन्हें अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है। महिलाओं का कहना है कि महिलाओं के लिए प्रदेश में सबसे कम अवसर और सुरक्षा है। जिसके कारण उन्हें या तो पलायन करना पड़ता है या सरकारी नौकरियां। इसलिए उत्तराखंड की महिलाये अपनी सुरक्षा को देखते हुए सरकारी नौकरियों के लिए सालों साल मेहनत करती है सिलेक्शन होने के बावजूद भी नियुक्तियां सरकार दे नहीं रही है। क्यूंकि कुछ भ्रष्ट लोगो के कारण सरकारी नौकरियों में धांधली हो रही है। महिलाये प्राइवेट सेक्टर में सुरक्षित नहीं है और सरकारी परीक्षा में केवल नियुक्ति होनी बाकी है लेकिन अब ठगा सा महसूस कर रही है। सरकारी परीक्षा में सिलेक्टेड प्रदेश की महिलाये सीएम पुष्कर सिंह धामी से जल्द से जल्द नियुक्ति की गुहार लगा रही है।