Saturday, April 20, 2024
उत्तराखंड

बारिश और बर्फबारी से उत्तराखण्ड वन विभाग क्यों है गदगद

देहरादून- उत्तराखंड में पिछले दो दशक में फायर सीजन में पिछले साल आग लगने की सबसे अधिक 2,813 घटनाएं हुईं। इस साल एक बार फिर फायर सीजन शुरू हो चुका है। तैयारियों में जुटे वन विभाग को इस विंटर सीजन में हुई अच्छी खासी बारिश और बर्फबारी से उम्मीद है कि इस बार घटनाएं कम होंगी, लेकिन मौसम विज्ञानियों की राय कुछ और है। इधर, जंगलों में आग लगने का सिलसिला फरवरी के मध्य से शुरू हो चुका है। जंगलों पर 24 घंटे नज़र रखने के लिए सिस्टम बनाना वन विभाग ने शुरू कर दिया है, लेकिन करोड़ों के बजट के बावजूद विभाग के पास संसाधनों का अभाव बना हुआ है। हर साल 15 फरवरी से 15 जून यानी जाड़े के अंतिम दिनों और मानसून की शुरुआत के बीच के समय को फायर सीज़न माना जाता है। 71 फीसदी फॉरेस्ट कवर वाले उत्तराखंड में इस सीजन में आग जंगलों पर कहर बनकर टूटती है। उत्तराखंड में 2016, 2018, 2019, 2021 में सबसे अधिक फायर इनसिडेंट हुए, जिनकी वजह से तीन से चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल तबाह हो गए। 2016 और 2021 में तो फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को आग बुझाने के लिए एयरफोर्स का सहारा तक लेना पड़ा था। इसे देखते हुए वन विभाग इस बार अलर्ट है. वन विभाग की तैयारियों से पहले जानिए कहां आग शुरू हो चुकी है।

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