भू-कानून पर क्या कहते हैं अधिवक्ता, जमीन खरीद के क्या हैं प्रावधान
उत्तराखंड में लागू भू-कानून क्या महज एक दिखावा है? सवाल है कि अगर बाहर के व्यक्ति को निकाय क्षेत्र में कितनी भी जमीन खरीदने पर पाबंदी नहीं है, और ग्रामीण क्षेत्र में वो 250 वर्ग मीटर जमीन खरीद ही सकता है, और उपर से ग्रामीण क्षेत्र में लीज पर कितनी ही जमीन 30 साल के लिये ले सकता है तो फिर भू-कानून का मतलब क्या है? इस मुद्दे पर हमने अधिवक्ता विकेश नेगी से विस्तार से बात की है, उनका कहना है कि सरकार भूकानून में सशोधन लेकर आई है मगर इसमें सख्त जैसा कुछ भी नहीं है। जब बाहर के लोग निकाय क्षेत्र में जमीन खरीद सकते हैं, ग्रामीण में भी 250 वर्ग मीटर की जमीन खरीद सकते हैं और कृषि और बागवानी के लिये भी लीज पर मर्जी जतनी जमीन ले सकते हैं तो फिर जमीन खरीद पर रोक आखिर कहां लगी है। यूसीसी कहता है कि 1 साल से राज्य में रहने वाला उत्तराखंड का नागरिक माना जाएगा तो फिर बाहर का कौन है?