गोवा में दूसरे चरण के तहत कल होगा मतदान
दिल्ली- गोवा की 40 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार शनिवार को समाप्त होने के साथ आब राज्य में सोमवार को एक ही चरण में मतदान होगा। गोवा में बहुकोणीय चुनावी मुकाबले में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से चुनौती मिल रही है।
गोवा विधानसभा में 40 सदस्यों की ताकत है, जिसमें से भाजपा के पास वर्तमान में 17 विधायक हैं और उसे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विजय सरदेसाई और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। जीएफपी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं और दूसरी ओर कांग्रेस के पास 15 विधायक हैं। गोवा चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के कुल 301 उम्मीदवार मैदान में हैं।
40 सीटों में से 18 पर भंडारी समाज का दबदबा
गोवा में कभी जातीय गणित उतना अधिक हावी नहीं रहा। पहली बार यह चुनाव जातिगत आधार पर होता दिखाई दे रहा है। जिससे सूबे में जातिगत और धार्मिक गोलबंदी की तस्वीर साफ हो गई है। आप की ओर से भंडारी समाज से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित होने के बाद भाजपा ने भी भंडारी नेताओं को आगे कर दिया है। वहीं, कांग्रेस, आप, टीएमसी और एनसीपी ने अल्पसंख्यक ईसाई-मुस्लिम के साथ ओबीसी समुदाय के उम्मीदवारों को मैदान में उतार कर जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है। गोवा में ओबीसी समुदाय की 19 उपजातियां हैं। जिसमें भंडारी समुदाय की संख्या सबसे अधिक है। राज्य की कुल 40 में से 18 सीटों पर उनका दबदबा है। सूबे में ओबीसी जातियों की हिस्सेदारी 30 से 40 फीसदी तक बताई जाती है। जबकि ईसाई मतदाताओं की संख्या 23 से 25 फीसदी के आसपास है। उसके बाद खारवा समुदाय और फिर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की संख्या करीब 12 फीसदी है।