Saturday, April 20, 2024
राष्ट्रीयस्पेशल

माता वैष्णो देवी के दरबार से भक्तों की दूरी ख़त्म होने वाली है

दुनियाभर में श्रद्धा और आस्था का सबसे बड़ा कोई केंद्र है तो वो है भारत के मस्तक पर विराजमान माता वैष्णो देवी …. वैष्णो देवी की यात्रा करना और दिव्य दर्शन करने की प्रबल कामना हर सनातनी में होती है यही वजह है कि 500 सालों में पहली बार जब कोरोना संक्रमण की वजह से पवित्र यात्रा और दर्शन पर रोक लगी तो देश दुनिया के करोड़ों हिन्दुओं को काफी निराशा हुयी …. लेकिन अब माता के दरबार से भक्तों की दूरी ख़त्म होने वाली है और माता के जयकारे से फिर एक बार यात्रा मार्ग गूंजने वाला है … यात्रा की तैयारियों की बात करें तो  जैसे ही यात्रा शुरू होगी श्रद्धालुओं को अब कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा … इसको लेकर श्राइन बोर्ड तेज़ी से काम कर रहा है।अनलॉक इंडिया के दौरान लगातार सहूलियतें बढ़ाई जा रही है ऐसे में ये नियम बनाया जा रहा है कि यात्रियों को छोटे- छोटे समूहों में बांट कर और कुछ अंतराल के बाद ही आगे बढ़ाया जाए जिससे  सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके….

इसके साथ ही तीन साल से छोटे बच्चे और 65 साल से ऊपर वाले लोगों को दर्शन के लिए नहीं आने की सलाह दी जाएगी, बीमार और संदिग्धों का हेल्थ चेकअप होगा …. आपको बता दें की इस समय सुबह में 6 बजे और शाम में 7 बजे पूजा होती है। अभी भवन में करीब 20 श्राइन बोर्ड के कर्मचारी काम कर रहे हैं।

सबसे बड़ी बात ये है कि यात्रा खुलते ही अनियंत्रित हालात से बचने के लिए दर्शन से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों का कटरा ट्रेक एंट्री प्वाइंट और भवन के पास स्क्रीनिंग होगी। मास्क पहनने या चेहरे को ढकने जरूरी होगा। जगह-जगह सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। यात्रियों को छोटे-छोटे समूहों में बांट कर और कुछ अंतराल के बाद ही आगे बढ़ाया जाएगा ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। पंडित जी अब सीधे भक्तों को टीका नहीं लगाए पाएंगे, भक्तों को टीका कैसे लगाए जाए इसका पर विचार किया जा रहा है। 

एक दिन में पांच हजार से सात हजार लोगों को दर्शन की अनुमति दी जा सकती है। जबकि सामान्य समय में इस सीजन में 35 हजार से ज्यादा लोग एक दिन में दर्शन के लिए आते थे। यात्रा से जुड़े जानकार दावा करते हैं की 18 मार्च से वै‌ष्णो देवी की यात्रा बंद है , तब से लेकर अब तक सिर्फ एक करोड़ रुपए ऑनलाइन एकत्रित हुए हैं जबकि पहले इस सीजन में एक दिन में ही 50 से 60 लाख रुपए प्रतिदिन दान के रूप में आता था। कई महीनों से भक्तों के जयकारे का इंतज़ार कर रहे यात्रा मार्ग के दुकानदारों को जहाँ इंतज़ार है यात्रियों के आने का वहीँ अब माता वैष्णों देवी के भक्तों को इंतज़ार है तो माता रानी के बुलावे का 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *