- भाजपा ने कहा कांग्रेस मुंह दिखाने लायक नहीं बची
भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश को स्थगित किए जाने पर स्वागत करते हुए कहा कि यह आदेश बहुत महत्वपूर्ण है और मुख्यमंत्री को बदनाम करने तथा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों को तगड़ा झटका लगा है ।साथ ही कांग्रेस जो इस मामले पर हाय तौबा मचा रही थी के लिए बहुत शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई है और वह चेहरा दिखाने लायक़ नहीं रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने एक बयान में कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के उस आदेश जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे को स्थगित करने का जो निर्णय दिया है हम उसका स्वागत करते हैं ।यह निर्णय कई अर्थों में महत्वपूर्ण है ।इस निर्णय से मुख्यमंत्री रावत को और सरकार को बदनाम व अस्थिर करने की कोशिश असफल सिद्ध हो गई है और इस षड्यंत्र में शामिल लोगों को झटका लगा है ।माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर स्वयं आश्चर्य व्यक्त किया है कि इस प्रसंग में न तो मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पक्षकार थे और न ही याचिका में उनके बारे में कोई प्रार्थना की गई थी।इसके बावजूद माननीय उच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया वह सबको आश्चर्य में डालने वाला है ।
- जानिये आज सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ –
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है।
बता दें कि हाइकोर्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर एक पत्रकार की ओर से लगाए गए कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का आदेश दिया था। पत्रकार ने आरोप लगाया है कि 2016 में जब रावत भाजपा के झारखंड प्रभारी थे, तब उन्होंने एक व्यक्ति को गोसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर धनराशि अपने रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कराई थी।कांग्रेस ने बुधवार को नैतिक आधार पर रावत का इस्तीफा मांगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, एक ऐसा मुख्यमंत्री जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का बखान करने से नहीं थकता, उसे (अदालत का) ऐसा (सीबीआई जांच का) आदेश आने के बाद अब एक मिनट भी पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि पार्टी ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने का समय मांगा है, जिससे वह उनके सामने इस मुददे को रख सकें और इस मामले में उनसे दखल देने का अनुरोध कर सकें। यह कोर्ट का मसला है। इस पर न्यायिक दृष्टि से ही काम किया जाएगा। जो भी चीजें होंगी वे कोर्ट के मार्फत ही स्पष्ट होंगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। वहीँ आज कांग्रेस ने देहरादून में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन और राजभवन घेराव कर अपनी एकजुटता का नमूना पेश किया