बदहाल है उत्तराखण्ड का पौड़ी जिला, धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री का खुलासा
उत्तराखंड का पौड़ी जिला, वो जिला जिसकी मिट्टी की खुशबू समूचे देश में महकती है क्योंकि इस जिले से निकले लोगों ने अपने कामयाबी का लोहा मनावाया है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पदों को छोड़ दें तो शायद ऐसी कोई कुर्सी नहीं जिस पर पौड़ी जिले से ताल्लुक करखने वाले न बैठे हों। उत्तराखंड के साथ-साथ देश को बड़े नेता और अधिकारी देने में पौड़ी कभी पीछे नहीं रहा। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी से लेकर विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, रमेश पोखरियाल निशंक, पहले सीडीएस बिपिन रावत, वर्तमान सीडीएस अनिल चौहान, सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल, अनिल धस्माना सभी इस मिट्टी से जुड़े हैं। बावजूद इसके पौड़ी आज भी पलायन, पानी और शिक्षा की जबरदस्त मार झेल रहा है।
इस बात का खुलासा हम नहीं धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री चंदनराम दास खुद कर रहे हैं। पौड़ी जिले के प्रभारी मंत्री के नाते मंत्री चंदनराम दास ने पौड़ी जिले का भ्रमण किया। इसके बाद देहरादून लौटकर उन्होंने बड़ा बयान दिया है। मंत्री चंदनराम दास के मुताबिक पौड़ी जिला पानी के लिये तरस रहा है, जबकि वहां अरबों की पेयजल योजनाएं चल रही हैं। जिले में स्वास्थ्य का बुरा हाल है, जिला अस्पताल पीपीपी मोड पर चल रहे हैं और रैफर सेंटर बनकर रह गये हैं। मेडिकल कॉलेज की हालत बेहद खस्ता है। सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। रोजगार नहीं है और पलायन से 500 गांव बंजर पड़ गये हैं। इससे भी चिंताजनक बात ये है कि पौड़ी ही वो जिला है जो उत्तराखण्ड को अब तक 6 सीएम दे चुका है, बावजूद इसके पौड़ी की बदहाली आज भी कायम है। प्रभारी मंत्री के इस बयान ने पौड़ी के विकास के दावों की पोल खोलकर रख दी है।