उत्तराखंड के सरकारी बजट में 873 करोड़ का झोल, कैग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन राज्य के बजट प्रबंधन पर कई सवाल उठाये गए। इसके साथ राज्य के सरकारी विभागों द्वारा विकास योजनाओं के नाम पर इस्तेमाल की गयी धनराशि पर भी सवाल उठाए हैं। कैग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कई वर्षो में कई योजनाओं के लिए दी गयी धनराशि के खर्च का प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिसके कारण कैग को यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि धनराशि का सही तरीके से उपयोग हुआ है या नहीं। कैग ने जानकारी दी कि राज्य की सरकारों ने पिछले 17 सालों में विधानमंडल की मंजूरी के बिना 42 हजार 873 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। खर्च की गई इस राशि को विधानसभा से मंजूर कराया जाना जरूरी होता है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कैग ने इसे संविधान के अनुच्छेद 204 और 205 का उल्लंघन माना है।इतना ही नहीं कैग की रिपोर्ट के अनुसार पंचायती राज विभाग ने भी 650 करोड़ और शहरी विकास विभाग ने 195 करोड़ के खर्च का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किए। कैग ने इसे ठीक किए जाने की बात बताई है। यह पहला मौका नहीं है जब सरकारी विभागों ने योजनाओं के बजट खर्च का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया। इससे पहले पिछले कई सालों से विभागों का काम करने का यही तरीका रहा है।