फिर लटका उत्तराखंड सहकारिता चुनाव, कोर्ट के आदेश के बाद सहकारिता समितियों का निर्वाचन स्थगित
लंबे समय से टाला जा रहा सहकारिता चुनाव शुरू होते ही फिर लटक गया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने कोर्ट के अगले आदेशों तक के लिए सहकारिता समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार को सहकारिता समितियों के चुनाव पुरानी नियमावली के अनुसार ही कराने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि एकलपीठ के आदेश को सहकारी समिति ने विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी। इसमें कहा गया था कि सहकारी समितियो का चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार ने जो संशोधन किए हैं उन्हें भी लागू किया जाए और उसी के अनुसार चुनाव कराए जाएं। इस पर आपत्ति जताते हुए भुवन पोखरिया व अन्य याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सहकारिता चुनाव पूर्व के नियमो के तहत ही कराए जाएं।
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद नियमावली को संशोधित किया है जो गलत है जबकि चुनाव कराने की प्रक्रिया दिसंबर से शुरू हो चुकी है। अब इस मामले में राज्य सरकार संशोधन करा रही है, जो नियम विरुद्ध है।
राज्य सरकार ने इसमें संशोधन कर उन लोगों को भी वोट का अधिकार दे दिया है जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या कमेटी के सदस्य हैं ही नहीं। जबकि नियम के मुताबिक वही लोग चुनाव में प्रतिभाग कर पाएंगे जो कमसेकमतीन साल से समिति के सदस्य हों।