Friday, April 19, 2024
उत्तराखंड

देश का सबसे ताकतवर सीएम जन्मभूमि में आकर मोम की तरह पिघल गया, जब जार-जार रो पड़े सीएम योगी आदित्यनाथ

कहते हैं जन्मभूमि से कर्मभूमि की दूरी कितनी? मां की कोख से मां की गोद जितनी….. और जब एक कर्मयोगी अपनी जन्मभूमि में लौटकर आता है तो भावनाएं जुबां से बयां नहीं की जातीं…. वो तो आखों के रास्ते बहती चली जाती हैं। आज कुछ ऐसा ही हुआ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ। उत्तराखण्ड के दौरे पर आये सीएम योगी आज सबसे पहले यमकेश्वर महाविद्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरू महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की प्रतिका का अनावरण किया। उन शिक्षकों का सम्मान किया जिन्होंने कभी उन्हें नवीं कक्षा तक शिक्षा दी थी। जब योगी मंच पर बोलने आए तो जयश्री राम के नारों से सभा स्थल गूंज उठा। लेकिन योगी आदित्यनाथ कुछ बोल पाते इससे पहले ही उनका गला रूंध गया। कुछ देर तक मुंह से शब्द नहीं निकल पाये। फिर बोलना शुरू किया, जन्मभूमि में लौटने की खुशी उनके चहरे पर मंद-मंद मुस्कान के तौर पर झलक रही थी लेकिन मन में घर-परिवार का बिछड़ा स्नेह और बचपन की गुजरी यादें हिलोरी मार रही थीं। योग खुद को संभालते रहे लेकिन आंखों ने साथ छोड़ दिया….. पहले पलकें गीली हुईं फिर आंसू बहते चले गये। अपने मजबूत और कठोर निर्णयों से अपराधियों के मन में खौफ पैदा करने वाले योगी आदित्यनाथ आज किसी नन्हें बालक की तरह रोते चले गये। आज योगी में देश के सबसे बड़े राज्य के सबसे ताकतवर सीएम जैसा कुछ नहीं दिखा। आज लोगों ने योगी यादित्यनाथ के मोम से दिल को पिघलते हुये देखा। शायद इसीलिये जन्मभूमि को स्वर्ग से भी बड़ा माना गया है।

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