पत्रकार मुकेश चंद्राकर को ले डूबी निष्पक्ष पत्रकारिता, भ्रष्टाचारियों को नहीं आई रास
पहले गला घोंटा… फिर कुल्हाड़ी से सर पर वार किया… इसके बाद सेप्टिक टैंक के भीतर दफना दिया और उपर से प्लास्टर चढ़ा दिया… छत्तीसगढ़ के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर को सड़क निर्माण में हुये भ्रष्टाचार का खुलासा करने की मिली रौंगटे खड़े कर देने वाली सजा…
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर को लोग उनकी साहसिक पत्रकारिता के लिए जानते थे। वो नक्सलियों से लेकर भ्रष्टाचार, रिश्वत और स्थानीय समस्याओं पर तेज तर्रार पत्रकारिता किया करते थे। उनकी पत्रकारिता के बदोलत 2023 में एक सीआरपीएफ जवान को नक्सलियों से बचाया जा सका। वो खुद जवान को नक्सलियों के बीच से छुड़ाकर लाए थे।
लेकिन उनकी बेबाक पत्रकारिता समाज को घुन की तरह खोखला कर रहे एक कथित भ्रष्टाचारी ठेकेदार को रास नहीं आई, और उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।
मुकेश चंद्राकर एक जनवरी 2025 को अचानक गायब हो गए। परिजनों और पुलिस ने उनकी तलाश की। 3 जनवरी को उनका शव आरोपी ठेकेदार के फार्म हाउस स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ।
हत्या का आरोप सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर पर है। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने कुछ दिन पहले ही गंगालूर रोड का निर्माण कराया था। मगर इसमें हुए भ्रष्टाचार को मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया। मुकेश की रिपोर्ट के बाद ही प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की।
जब पुलिस सुरेश चंद्राकर के बाड़े में पहुंची तो पाया कि वहां पर एक सेप्टिक टैंक में ताजा-ताजा ढलाई की गई है। इससे शक गहराया और जब टैंक को खुलवाया गया तो उससे मुकेश का शव बाहर आया।
बहरहाल पुलिस ने इस हत्याकांड के सभी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिवार ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।