Monday, February 17, 2025
उत्तराखंड

उत्तराखंड लागू हुआ यूसीसी, सीएम धामी ने यूसीसी वेब पोर्टल का किया शुभारंभ

यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। आज सीएम आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी वेब पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण किया।
यूनिफॉर्म सिविल कोड शादी, तलाक, मेंटिनेंस, संपत्ति का अधिकार, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करता है। उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद अब हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएंगी।
चलिये आपको बताते हैं यूसीसी लागू होने के बाद राज्य में क्या बदलाव आने जा रहे हैं-
यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।
किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।
हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।
उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।
एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।
लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है। इधर यूसीसी लागू होते ही मुस्लिम सेवा संगठन ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि मुस्लिम सेवा संगठन ने कानून को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *