जम्मू-कश्मीर में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल की ओवरआर्च का काम पूरा हो गया। शनिवार को पुल का गोल्डन जॉइंट (आखिरी जोड़) लगाया गया। इसके बाद पुल बनाने का 98 फीसदी काम पूरा हो गया है। इस मौके पर वर्कर्स ने तिरंगा फहराया और आतिशबाजी भी की। ब्रिज का निर्माण कोंकण रेलवे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत हुआ है। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपए है। इस ब्रिज को बनाने में लंबा समय लगा है। खराब मौसम, सर्दी, ऊंचाई इसे बनाने में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इस ब्रिज में ब्लास्ट लोड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है। किसी भी विस्फोट और प्रेशर का ब्रिज पर असर नहीं होगा। 111 किमी लंबे कटरा और बनिहाल मार्ग पर रेल ब्रिज बनने से कश्मीर रेलमार्ग के जरिए देश से जुड़ जाएगा। अभी बनिहाल और बारामूला के बीच रेल है, पर कटरा-बनिहाल के बीच नहीं है। माना जा रहा है कि इस साल दिसंबर तक इसे जनता को सौंप दिया जाएगा। कश्मीर को सीधा राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने की सबसे अहम कड़ी और विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल के दोनों सिरे ‘गोल्डन ज्वाइंट’ रस्म निभाते हुए जोड़ दिए गए। आतिशबाजी, राष्ट्रीय गान और भारत माता की जय के नारों के बीच इंजीनियरिंग के इतिहास की इस दुर्लभ उपलब्धि पर जश्न मनाया गया। पुल के दोनों तरफ तिरंगा लगाया गया। साथ ही आर्क के जुड़ते ही आसमान में तीन रंगों के गुब्बारे छोड़े गए। कर्मचारियों ने कहा कि इतिहास में इस पुल को बनाने वालों का नाम लिखा जाएगा। चिनाब दरिया पर बना विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल दुनिया का एक और अजूबा है, जिसको देखने दुनिया आएगी। आर्क जुड़ते ही रंग बिरंगे फूलों को हवा में फेंका गया और आतिशबाजी कर खुशी जताई गई।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के तहत चिनाब दरिया की सतह से 359 मीटर की ऊंचाई पर पुल की अंतिम आर्क जुड़ते ही कोड़ी और बक्कल रेलवे स्टेशन आपस में जुड़ गए हैं। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 30 मीटर ऊंचा है। हालांकि, पुल का अभी 98 फीसदी निर्माण पूरा हुआ है, जिसे दिसंबर में अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। भारतीय रेलवे समेत दुनिया के रेलवे इतिहास के सबसे ऊंचा ये पुल 17 स्तंभों पर बना है और इसकी कुल लंबाई 1315 मीटर है। पुल बनाने का काम करने वाली अफकांस इंफ्रास्ट्रक्चर का कहना है कि पुल का काम इसी वर्ष अंत तक पूरा होगा।