उत्तराखंड में बदला जुम्मे की नमाज का वक्त, होली के त्योहार के चलते लिया गया फैसला
होली और जुमे की नमाज को लेकर दोनों समुदायों के बीच चल रही बयानबाजी के बीच उत्तराखंड के मुस्लिम समाज ने सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए अपनी नमाज पढ़ने का समय बदल दिया है। बता दें कि जुमे की नमाज दोपहर 2ः30 बजे होगी। आमतौर पर यह नमाज 12ः45 बजे होती है, लेकिन इस बार होली का त्योहार होने के चलते इसे आगे बढ़ाया गया है।
देहरादून के साथ ही हरिद्वार में भी नमाज का वक्त बदला गया है। ज़मीयत उलेमा-ए-हिन्द के उत्तराखंड प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और ज्वालापुर के सबसे बड़े मदरसे के प्रबंधक मौलाना आरिफ कासमी ने कहा कि रमजान में जुमे की नमाज और होली एक ही दिन पड़ रहे हैं जिसे देखते हुए हमने बीच का रास्ता निकाला है। उन्होंने कहा कि हमने जुमे की नमाज पढ़ने का समय बदल दिया है ताकि किसी को दिक्कत न हो और हिन्दू एवं मुसलमान दोनों में भाईचारा और अमन-चैन कायम रहे। कासमी ने कहा कि अमूमन जुमे की नमाज दोपहर 12ः45 से 2ः15 बजे तक होती है। लेकिन होली को देखते हुए हरिद्वार के शहरी क्षेत्रों में नमाज अपने तयशुदा समय से एक से डेढ़ घंटे देरी से यानी दोपहर 2ः30 बजे पढ़ी जाएगी। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अपने समय से एक से डेढ़ घंटा पहले पढ़ ली जाएगी।
मौलाना ने कहा कि यह फैसला केवल समय का बदलाव भर नहीं है बल्कि सामाजिक सौहार्द, भाईचारे और एकजुटता की मिसाल है। उन्होंने कहा कि आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के मंसूबे पूरे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज घर में नहीं मस्जिद में ही की जा सकती है। उन्होंने इस तर्क को खारिज कर दिया कि जुमा साल में 52 बार आता है। उन्होंने कहा कि हर मुसलमान के लिए प्रत्येक जुमे का खास महत्व है ।