गली-गली खाना डिलीवर कर रही है ये भारतीय फुटबॉलर, कहानी जो रूला जाएगी
यूं तो कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता मगर जब हालात विपरीत हों और इंसान को पेट के लिये कुछ भी करने को मजबूर कर दें तो अफसोस होता ही है। ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं जहां स्टार एथलीटों को अपना परिवार चलाने के लिये घरेलू काम करने के लिये मजबूर होना पड़ता है। कुछ मामलों में एथलीटों को सरकारी सहायता मिलती है मगर ज्यादातर को अपने सपनों को छोड़ पेट की खातिर छोटे-मोटे काम करने पड़ते हैं। ऐसी ही कहानी है पौलोमी अधिकारी की। जो एक फुटबॉलर थीं और कभी अंडर 16 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। कोलकाता के शिब्रमपुर की रहने वाली पौलोमी अधिकारी आज जोमैटो में डिलीवरी एजेंट के रूप में काम कर रही हैं और गली-गली जाकर खाना डिलीवर करती हैं। सोशल मीडिया में उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है और लोग पौलोमी के हालात पर अफसोस जताकर भारतीय खिलाड़ियों का दर्द बयां कर रहे हैं।
पौलोमी फूड डिलीवरी से हर दिन 300-400 रूपये कमा लेती हैं। पेट्रोल महंगा है तो कभी कभी उनकी आमदनी महज 150 रूपये रह जाती है। वो बतौर भारतीय फुटबॉलर यूके, जर्मनी और श्रीलंका में महत्वपूर्ण टूर्नामेंट खेल चुकी हैं। वो जब बहुत छोटी थी तब उनकी मां की मौत हो गई और वो अकेले ही अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं। उनकी एक बड़ी बहन हैं जिसकी शादी हो चुकी है। घर चलाने के लिए वो जोमैटो फूड डिलीवरी का काम करने के साथ ही चारुचंद्र विश्वविद्यालय से स्नातक थर्ड इयर की पढ़ाई भी कर रही हैं।
इंडियन प्लेयर्स कई खेलों में दुनिया भर में देश को गौरान्वित करते आए हैं। लेकिन भारतीय खिलाड़ियों की दूसरी सच्चाई ये भी है कि भारत में खेलों में करियर बनाना अभी भी एक चुनौती है। कई बार किसी के पास खेल का अभ्यास करने और खेल में करियर बनाने के लिए सुविधाओं का अभाव होता है, कई कारणों से अच्छे खिलाड़ियों को भी खेल का करियर मजबूरी में छोड़ना पड़ता है। बस इन्हीं हालातों का शिकार हुई हैं पौलोमी अधिकारी।