पहाड़ों में जाम ही जाम, हिल स्टेशनों में घंटों जाम में फंस रहे वाहन
नैनीताल हो या मुक्तेश्वर, हर जगह सड़क पर वाहनों का अंबार नजर आ रहा है। एक किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटों लग जा रहे हैं। जाम के हालात ऐसे हैं कि नैनीताल में एक बीमार व्यापारी की एंबुलेंस में मौत हो गई। जाम की वजह से घरवाले उसे समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाए। इसके पहले मसूरी में भी एक बुजुर्ग पर्यटक की जाम में फंसने से मौत हो चुकी है। बीते दिनों वीकेंड की वजह से उत्तराखंड के शहरों में बाहरी सैलानियों की बाढ़ आ गई। देहरादून और ऋषिकेश जाने वाले रास्तों पर दूर-दूर तक वाहनों का रेला रेंग-रेंगकर के चल रहा है। अभी भी कई जगहों पर लोग जाम में फंसे हुए हैं। मिनटों का सफर घंटों में तय हो रहा है। हरिद्वार में भी कई घंटे तक लंबा जाम लगा रहा। जाम की वजह से स्थानीय निवासियों का तो जीना दूभर हो गया है। उन्हें रोजमर्रा के काम के लिए बाहर निकल पाना आसान नहीं रह गया। भीड़ की वजह से बाहरी सैलानियों का मजा भी किरकिरा हो गया है। नैनीताल का भी यही हाल है। यहां से 18 किलोमीटर की दूरी पर कैंची धाम है। यहां लोग नीम करोरी महाराज के आश्रम में उमड़ रहे हैं। बाहर से आने वाले लोगों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी जमकर परेशानी झेलनी पड़ रही है। ट्रैफिक जाम से बचने के लिए नैनीताल पुलिस की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें कैंची धाम और नैनीताल में आने वाले पर्यटकों के लिए रूट प्लान जारी किया गया है। बीते रविवार को तो देहरादून और हरिद्वार में सुबह से लेकर देर रात जाम लग गया। महज 35 किलोमीटर की दूरी तय करने में तीन से चार घंटे लग गए। देहरादून-दिल्ली मार्ग पर 20 किमी की दूरी तीन घंटे में तय हुई। मसूरी जाने वाले रास्ते का तो बहुत बुरी हाल हुआ। पर्यटकों का आरोप है कि जाम की सूचना लोग पुलिस कंट्रोल रूम में देते रहे पर जरूरी कार्रवाई नहीं की गई। जाम में फंसे सैलानी पुलिस को कोसते रहे।