उत्तराखण्ड में दुनिया की पहली लिक्विड मिरर टेलिस्कोप हुई स्थापित, 95 हजार प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगा की ली तस्वीर
देहरादून- आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज ने एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में एतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देवस्थल में दुनिया की पहली इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप (आईएलएमटी) स्थापित हो चुकी है। यह पांच देशों की साझा परियोजना है। 50 करोड़ की लागत से निर्मित दूरबीन ने पहले चरण में हजारों प्रकाश वर्ष दूर की आकाशगंगा व तारों की तस्वीरें उतार कर कीर्तिमान स्थापित किया है। एरीज के निदेशक प्रो दीपांकर बनर्जी ने कहा कि दूरबीन स्थापित होने से एरीज अंतरिक्ष के बड़े रहस्यों को समझने महत्वपूर्ण सफलता हासिल कर पाने में सक्षम होगा। भारत समेत बेल्जियम, कनाडा, पौलैंड व उज़्बेकिस्तान इस परियोजना के साझेदार हैं। वर्ष 2017 में इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया था। अब जाकर यह कार्य सम्पन्न हो पाया है। इसके निर्माण में दुनिया के प्रसिद्ध विशेषज्ञों की मदद ली गई। जिनमें पाल हिक्सन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पहले चरण की टेस्टिंग में आश्चर्यजनक तस्वीरें सामने आई हैं। जिनमें 95 हजार प्रकाश वर्ष दूर एनजीसी 4274 आकाशगंगा की स्पष्ट तस्वीर ली है गई, जबकि अपनी आकाशगंगा मिल्कीवे के तारों को भी कैमरे में कैद किया है। इस दूरबीन की मदद से अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि एरीज के पास 3.6 मीटर की ऑप्टिकल दूरबीन भी मौजूद है। इन दोनों दूरबिनो से आसमान में होने वाली गतिविधि की पुष्टि की जा सकती हैं, या फिर एक ही स्थान से सटीक जानकारी जुटाई जा सकती है।