महाकुंभ में संगम का पानी हुआ बेहद दूषित,केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने NGT को दी रिपोर्ट
प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है. आए दिन महाकुंभ में जाने वाली भीड़ की तस्वीरें सोशल मिडिया पर वायरल हो रही है लेकिन कभी सोचा है कि जिस संगम में स्नान के लिए लोगों की इतनी भीड़ उमड़ रही है. क्या उस संगम का जल नहाने लायक है भी या नहीं.
प्रयागराज महाकुंभ में गंगा–यमुना के संगम में अब तक 54 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं, इस बीच सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट आई है जो हैरान करने वाली है. CPCB ने प्रयागराज में 9 से 21 जनवरी के बीच कुल 73 अलग-अलग जगहों से सैंपल इकट्ठा किया।
अब उसकी जांच के नतीजे जारी किए हैं। जो यह बताती है कि संगम का पानी नहाने लायक नहीं है। सीपीसीबी की रिपोर्ट में संगम तट के पानी को दूषित और सेहत के लिए हानिकारक बताया गया है। वहीं, एनजीटी ने भी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के पानी में कई गंभीर बैक्टीरिया होने की पुष्टि की है।
एनजीटी की प्रधान पीठ ने अपनी सख्त टिप्पणी में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को फटकारते हुए कहा “आपने 50 करोड़ लोगों को सीवेज के दूषित पानी से नहला दिया। वह पानी जो नहाने लायक भी फिट नहीं था, उससे लोगों को आचमन तक करना पड़ा।” बहरहाल एनजीटी ने मामले की सुनवाई को टालते हुए यूपीपीसीबी से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि जिस संगम में स्नान करने के लिए लोगों में होड़ मची है उस संगम का पानी नहाने लायक ही नहीं है जबकि लोग उस पानी का सेवन भी कर रहे है.