उत्तराखण्ड के शहीदों के परिजनों को बड़ा झटका लगा है, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे परिवारों को 10 लाख की अनुग्रह राशि देने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सरकार ने पांच मार्च 2014 तक के शहीद परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की व्यवस्था की थी। ऐसे में इस शासनादेश के जारी होने से पहले शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों ने भी अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग की। इसके लिए वह हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने वर्ष 2015 से पहले शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को भी दस लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का आदेश दिया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। सरकार का मानना है कि यदि हाईकोर्ट का आदेश माना गया तो राज्य सरकार पर काफी वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा। मामला शहीदों से जुड़ा है लिहाजा कांग्रेस ने सरकार की मंसा पर सवाल खड़े किये हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ.गणेश उपाध्याय का कहना है कि भाजपा सरकार कहती है कि राज्य में सैन्य धाम बनाएगी और दूसरी और शहीदों को अपमान किया जा रहा है।
पिछले 21 सालों की बात करें तो अब तक राज्य के 267 जवान देश की सुरक्षा में शहीद हो चुके हैं। इससे पहले के शहीदों को भी देखा जाए तो कुल शहीद सैनिकों के परिवारों की संख्या 1700 से भी ज्यादा है। लिहाजा उत्तराखण्ड सरकार इस भारी भरकम खर्चे को बोझ नहीं उठाना चाहती।