10 साल के नन्हे शाहजेब जो अभी तक पिरान कलियर की सड़कों पर लावारिश की जिंदगी जी रहा था और भीख मांगकर अपना गुजारा कर रहा था। लेकिन रातों रात उसकी किस्मत ऐसी बदली कि वो करोड़ों का मालिक बन गया। दरअसल शाहजेब सहारनपुर के गांव पंडोली का रहने वाला है। 2019 में उसके पिता मोहम्मद नावेद का निधन हो गया और उसकी उसे लेकर अपने मायके यमुनानगर चली गई। उसकी ससुराल वालों से नाराजगी थी और कुछ दिन यमुनानगर रहने के बाद वो बेटे शाहजेब को लेकर पिरान कलियर आ गई। लेकिन कोरोना काल में मां की भी मौत हो गई और शाहजेब अनाथ हो गया। उसने पेट की खातिर चाय की दुकानों, ढाबों में बरतन धोये और कुछ समय बाद वो सड़कों पर भीख मांगने लगा। बीते दिन उसके गांव से पिरान कलियर आये एक युवक ने उसे पहचान लिया और उसके गांव से उसके परिजन उसे लेकर घर आये। तब पता चला कि शाहजेब के दादा ने मरने से पहले अपनी आधी जायजाद शाहजेब के नाम कर गये। दादा शाहआलम हमेशा कहते थे कि उनका पोता आज नहीं तो कभी कभी न कभी उन्हें खोजता हुआ गांव आएगा। पोते के गम में दादा चल बसे लेकिन जाते जाते वो शाहजेब करोड़पति बना गये।