Tuesday, April 23, 2024
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द्वारकापीठ के अलगे शंकराचार्य होंगे दंडी स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, शीर्घ होगी घोषणा

द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रहमालीन होने के बाद अब उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आज देर शाम उनके उत्तराधिकारी की घोषणा होने जा रही है। लेकिन दो नाम सबसे उपर हैं जो द्वारकापीठ और ज्योतिष पीठ के भावी शंकराचार्य हो सकते हैं। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी की घोषणा के बाद संत समाज द्वारका पीठ और ज्योतिष पीठ पर फैसला लेगा। इस बीच कहा जा रहा है कि दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज को द्वारका शारदा पीठ की कमान मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को ज्योतिषपीठ की कमान सौंपी जा सकती है। ये दोनों ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रमुख शिष्य माने जाते हैं।
आपको बता दें कि द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन रविवार को दोपहर में हुआ था। वो 99 वर्ष के थे। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में उन्हें आज समाधि दी जानी है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती गुजरात स्थित द्वारका-शारदा पीठ एवं उत्तराखंड स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य थे और पिछले एक साल से अधिक समय से बीमार चल रहे थे। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज 99 वर्ष की आयु में हृदय गति के रुक जाने से ब्रह्मलीन हुए। उन्होंने अपनी तपोस्थली परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में बीते दिन अंतिम सांस ली। शंकराचार्य ने सनातन धर्म, देश और समाज के लिए अतुल्य योगदान किया। उनसे करोड़ों भक्तों की आस्था जुडी हुई है। वो स्वतन्त्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक, गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले, रामजन्मभूमि के लिए लम्बा संघर्ष करने वाले, गौरक्षा आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही और रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष रहे वो पाखंडवाद के प्रबल विरोधी थे।

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