उपनल मोर्चे के प्रदेश संयोजक का बयान, हमें उम्मीद है, वरना बड़ा आंदोलन करेंगे
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उपनल कर्मचारियों की नजरें अब राज्य सरकार पर टिकी हुई हैं। 2018 के हाईकोर्ट के नियमितीकरण के आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब सरकार को राज्य के 25 हजार उपनल कर्मचारियों को नियमित करने का रास्ता तलाशना है लेकिन सरकार लगातार वित्तीय बोझ का हवाला देती रही है, ऐसे में उपनल कर्मचारियों को इस बात की भी आशंका है कि सरकार नियमितीकरण के मामले को फिर लटका सकती है। इस मुद्दे पर उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चे के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने जय भारत टीवी से बात करते हुये साफ कर दिया है कि अगर इस बार सरकार ने देरी की तो आंदोलन होगा वो भी निर्णायक।