अक्सर पहाड़ों के गांव से मरीजों को डंडी-कंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाने और अस्पताल तक ले जाने की तस्वीरें अक्सर सामने आती हैं। वहीं पहाड़ में मरीजों को कंधों पर लादकर अस्पताल ले जाने की परेशानी से जल्द छुटकारा मिल सकता है। दरअसल सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) और आईआईटी रुड़की ने मिलकर ऐसा ड्रोन तैयार किया है जिससे गांव की इस परेशानी को दूर किया जा सकेगा। गांवों से मरीजों को अब ड्रोन के सहारे एंबुलेंस तक पहुंचाया जा सकेगा। यह ड्रोन आपदा की स्थिति में भी बेहद कारगर साबित होगा। बता दें कि आईटीडीए ह्यूमन लिफ्टिंग ड्रोन तकनीकी पर काम कर रहा है। इस तकनीक के जरिये कम से कम 120 किलो वजन उठाने वाले ड्रोन तैयार किए जाएंगे। जल्द ही इसके ट्रायल भी शुरू हो सकते हैं। आईटीडीए ने पिछले दिनों डिलीवरी ड्रोन का ट्रायल किया था। इसके तहत एक ही बार में ड्रोन से राहत सामग्री उत्तरकाशी से देहरादून भेजी गई थी। यह ट्रायल सफल रहा था। अभी इसके और ट्रायल भी होंगे। अगर और भी ट्रियल सफल होते हैं तो इस तकनीक से आपदा प्रभावित क्षेत्र में भी मदद पहुंचना आसान होगा।