केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ हटाने का काम जारी, 200 से अधिक मजदूर दिन रात जुटे
केदारनाथ की यात्रा आगामी 2 मई से शुरू होने जा रही है. यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने तैयारियों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है. सबसे बड़ी चुनौती मानी जाने वाली केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य अब अपने अंतिम चरण में है. वर्तमान में 270 से अधिक मजदूर दिन-रात लगातार बर्फ हटाने के काम में जुटे हुए हैं.
प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की निगरानी में चल रहा यह कार्य बेहद कठिन और जोखिम भरा है, क्योंकि केदारनाथ धाम तक का रास्ता ऊंचे हिमालयी क्षेत्र से होकर गुजरता है, जहां भारी बर्फबारी के चलते रास्ता कई स्थानों पर बंद हो गया था. हालांकि, अब अधिकांश मार्ग से बर्फ हटाकर रास्ता तैयार कर लिया गया है और केवल मंदिर के आसपास के क्षेत्र में अंतिम बर्फ हटाने का काम शेष रह गया है. अधिकारियों के अनुसार, अगले एक-दो दिन में पूरा रास्ता साफ कर दिया जाएगा, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए आवाजाही पूरी तरह से संभव हो जाएगी.
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का 16 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग हर वर्ष बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हो जाता है. इस बार भी मार्ग पर भारी बर्फ जम गई थी, विशेषकर भीमबली, लिनचोली और केदारपुरी क्षेत्र में बड़े ग्लेशियर जमा हो गए थे. मजदूरों ने आधुनिक उपकरणों और पारंपरिक तरीकों से इन ग्लेशियरों को काटकर मार्ग को पुनः खोलने का कार्य किया है. कुछ स्थानों पर बर्फ की मोटाई 10 से 15 फीट तक थी, जिसे हटाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ी.
केदारनाथ विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की निगरानी में चल रहे इस कार्य को तय समयसीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है. साथ ही रास्ते पर रेलिंग, चेतावनी बोर्ड और विश्राम स्थलों की भी मरम्मत की जा रही है, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.