Saturday, April 20, 2024
राष्ट्रीय

महादानी संत शिरोमणि नर्मदा के सियाराम, कहानी सुनकर हैरान हो जाएंगे आप

भारत की भूमि कभी वीर विहीन नहीं हुई तो कभी संत विहीन भी नहीं रही। समय-समय पर इस धरती पर ऐसे-ऐसे संत साधू हुये जिनकी तप-तपस्या से समाज को नया उजाला मिलता रहा है। ऐसे ही एक संत शिरोमणि हैं संत सियाराम.. जी हां जिनकी उम्र 109 वर्ष से अधिक बताई जाती है और वो आज भी हर रोज 21 घंटे रामायण का पाठ करते हैं। वो भी बिना चश्मे के।

संत सियाराम बाबा का आश्रम मध्यप्रदेश में खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर भट्याण गांव में नर्मदा किनारे स्थित है। गांव के लोग बाबा से जुड़ी कई चमत्कारिक घटनाएं बताते हैं। बाबा के दर्शनों के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु नर्मदा किनारे स्थित इस गांव में आते हैं। उनके नाम से ही गांव प्रसिद्ध हो चुका है। सियाराम बाबा की जर्जर हो चुकी काया देखकर उनकी उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ लोग तो ये भी कहते हैं कि बाबा 120 साल के हो चुके हैं। संत बाबा के तन पर कपड़े के नाम पर केवल एक लंगोट होती है। कड़ाके की ठंड हो, बरसात हो या फिर भीषण गर्मी, बाबा लंगोट के अतिरिक्त कुछ धारण नहीं करते। ग्रामीण बताते हैं कि आज तक उन्होंने बाबा को कभी पूर्ण वस्त्रों में नहीं देखा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बिना माचिस के दिया जलाने वाला वीडियो भी बाबा सियाराम का ही है।

श्रद्धालु बताते हैं कि बाबा ने 10 सालों तक खड़े होकर तप किया था। 12 सालों तक उन्होंने मौन साधना भी की है और जब बोले तो मुख से निकलने वाला पहला शब्द ही सियाराम था यही कारण है कि उनका नाम ही सियाराम बाबा हो गया।

संत सियाराम की सबसे ज्यादा चर्चा उनके दानी स्वभाव को लेकर होती है। बाबा बडे़ दानी हैं। उन्होंने समय-समय पर समाज की भलाई के लिये बड़े दान दिये हैं। फिर चाहे बात नर्मदा घाट की मरम्मत के लिये 2 करोड़ 57 लाख रुपये के दान की हो या यहीं बन रहे एक मंदिर के लिये 5 लाख, ऐसे कई धार्मिक कार्यों के लिये उन्होंने अब तक करोड़ रूपये दान कर दिये हैं। हैरानी की बात है कि बाबा खुद दान में केवल 10 रूपये ही लेते हैं। कई विदेशी भक्तों ने उन्हें दान में मोटी दानराशि देनी चाही है मगर बाबा उसमें से केवल 10 रूपये लेते हैं बाकी वापस कर देते हैं।

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