नवरात्रि का दूसरा दिन आज, नव शक्तियों के दूसरे स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की आज करें पूजा अर्चना
शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की नव शक्तियों के दूसरे स्वरूप को माता ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। ‘ब्रह्म’ का अर्थ होता है तपस्या और ‘चारिणी’ का अर्थ होता है आचरण अर्थात तप का आचरण करने वाली देवी। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार उन्हें माता पार्वती का अविवाहित रूप माना जाता है, जब उन्होंने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तप या तपस्या की थी, तब उन्हें ब्रह्मचारिणी नाम दिया गया है। मां का यह रूप काफी शांत और मोहक है। मां ब्रह्मचारिण को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी कहा जाता है। इनकी साधना और उपासना से जीवन की हर समस्या, हर संकट दूर हो जाता है। विद्यार्थियों के लिए मां बरह्मचारिणी की पूजा अर्चना बेहद फलदायी माना जाता है। मां ब्रह्मचारिणी अपने दाहिने हाथ में ‘तप माला’ और बाएं में ‘कमंडल’ धारण करके सफेद पोशाक में खुद को सजाती हैं। उसे नंगे पांव दर्शाया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता को गुड़हल, कमल, श्वेत और सुगंधित पुष्प बहुत अच्छे लगते है। ऐसे में नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा को गुड़हल, कमल, श्वेत और सुगंधित पुष्प अर्पित करें।