कन्नड़ फिल्म कांतारा’ अब तक बॉक्स ऑफिस पर प्रशंसा बटोर रही है। वहीं कांतारा फिल्म में जिस तरीके के लोक कथाओं को दर्शाया गया है वैसे पहले कभी देखने को नहीं मिला। उत्तराखंड के मायने में भी इस फिल्म को बेहद सम्मान दिया गया है। क्योंकि उत्तराखंड में भी देवी-देवता और ग्राम देवता लोक परंपराओं का अभिन्न अंग रहे हैं। जो लोग उत्तराखंड की परम्पराओं को नहीं जानते वो इस फिल्म के माध्यम से जान सकतें है। फिल्म में देवी-देवता पर दिखाए गए दृश्य उत्तराखंड की परम्पराओं से बेहद हद तक मेल खाते है।
फिल्म में डायरेक्टर-एक्टर ऋषभ शेट्टी ने गांव के उन लोक देवताओं की बात की है, जो आज भी अपने लोगों की रक्षा करते हैं वहीं कुछ लोग इन्हें अंधविश्वास मानते है। उत्तराखंड के लोगों के लिए ये नया नहीं है क्योंकि बरसों से यहां के लोग उन परंपराओं को आधार मानकर जीवन जीते आ रहे हैं। सच बात ये भी है कि कांतारा जैसी फिल्म उत्तराखंड में भी बनाई जा सकती थी, लेकिन उत्तराखंड के ही लोग यहां की लोक परंपराओं को इग्नोर कर के निकल जाते हैं। या इन्हें फॉलो करने में आज उत्तराखंड कहीं न कहीं पिछड़ता जा रहा है। ऋषभ शेट्टी ने अपनी लोक कथाओं-परंपराओं को खूबसूरती से उतारा है। फिल्म में क्रिएटिविटी से लेकर लोक परंपराओं और लोक कथाओं का सम्मान है। 16 करोड़ की फिल्म ने अब तक 400 करोड़ रुपये का कारोबार किया है।