जो दावा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत और पद्म विभूषण सुंदर लाल बहुगुणा सरीखे दिग्गजों ने कभी नहीं किया । वो दावा कर यूट्यूबर सौरभ जोशी बुरे फंस गये हैं। उत्तराखंड की पहचान से जुड़े उनके बयान के बाद पूरे प्रदेश में बवाल है। सोशल मीडिया पर सौरभ के खिलाफ गुस्सा तो है ही अब लोग सड़कों पर उतर आये हैं और सौरभ का पुतला फूंक उनके विरूद्व राजद्रोह का मुकदमा कायम करने की मांग हो रही है।
पिछले दिनों सौरभ ने एक वीडियो में कहा कि मेरी वीडियो से लोग उत्तराखंड को जान रहे हैं, हल्द्वानी को जान रहे हैं। हल्द्वानी को पहले कोई नहीं जानता था। अब हर कोई जान रहा है। ट्रेंडिंग में रोज हल्द्वानी रहता है।
सौरभ जोशी का ये बयान जैसे ही वायरल हुआ तो चौतरफा विवाद शुरू हो गया। लोगों की नाराजगी इस बात पर है कि आखिर सौरभ जोशी हैं कौन, केवल एक यूट्यूबर। जबकि उनके पैदा होने से पहले देवभूमि को अनेकों अनेक विभूतियां ने दुनिया के फलक पर पहुंचा दिया था। चारधामों की इस धरती की पहचान यहां के वीर सैनिकों की शहादत है, मां गंगा, यमुना की जननी यही भूमि है, भला उत्तराखंड को सौरभ जोशी क्या पहचान दिलाएंगे। इसी तरह के आरोप इस वक्त सोशल मीडिया पर लोग लगा रहे हैं।
यूट्यूबर सौरभ जोशी के 18.8 मिलियन सब्सक्राइब हैं। 1100 से अधिक वीडियो अपलोड कर चुके हैं। 19 फरवरी 2019 से चैनल की शुरुआत हुई। इनकी वीडियो खाने-पीने, गाड़ी में घूमने, कुत्ते से खेलने, बच्चों के साथ मस्ती करने वाली होती हैं। लाकडाउन में जब पढ़ाई के लिए बच्चों के हाथ मोबाइल आया, तो वो सौरभ से जुड़ते चले गए।