उत्तराखंड के सियासी गलियारों में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी आये दिन सुर्खियों में बनी रहती हैं। इस बार फिर से ऋतु खंडूरी चर्चाओं में है और वजह से विधानसभा का शीतकालीन सत्र, उसकी अवधि और विधानसभा अध्यक्ष का एक बयान। दरअसल बीते दिन विधानसभा के शीतकाली सत्र को दूसरे दिन ही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया गया। हैरानी की बात ये थी कि जब सत्र आहूत किया गया था तो इसकी अवधि 7 दिन बताई गई थी। लेकिन इससे पहले दूसरे ही दिन सदन के स्थगित होने से हर कोई हैरान था। बात यही तक रहती तो भी ठीक था लेकिन इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने जो बयान दिया उसने सब को चौंका दिया। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि जब बिजनेस है ही नहीं तो सदन क्यों चलाना। आखिर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है उसे क्यों बर्बाद दिया जाए। इससे भी आगे बढ़कर उन्होंने कहा कि किसी के पॉलिटिकल एजेंड के लिये वो सदन नहीं चलाने वालीं। स्पीकर के इस बयान के अब कई मायने निकाले जा रहे हैं। सियासी गलियारों में तरह तरह की बातें चल रही हैं मसलन बिजनिस कौन तय करेगा-सरकार करेगी, बिजनिस कब बननेगा जब सरकार काम करेगी। नेता सदन कौन-मुख्यमंत्री। फिर पॉलीटिकल एजेंडा किसका होगा?