उत्तराखण्ड की पहली महिला विधानसभा स्पीकर होंगी ऋतु खंडूरी, गुजरात की तर्ज पर भाजपा ने उत्तराखण्ड में भी खेला बड़ा दांव
देहरादून- उत्तराखण्ड के राजनीतिक इतिहास ने बड़ी करवट ली है और राज्य को पहली महिला स्पीकर मिलने जा रही है। भाजपा ने गुजरात की तर्ज पर उत्तराखण्ड में भी महिला स्पीकर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिये दूसरी बार की विधायक ऋतु खंडूरी का नाम तय किया गया है। आज उत्तराखण्ड विधानसभा में स्पीकर के चुनाव के लिये नामांकन होना है और वोटिंग की नौबत न आई तो ऋतु खंडूरी निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुन ली जाएंगी। यह राज्य के इतिहास में पहली बार होगा जब स्पीकर की कुर्सी पर कोई महिला विराजमान होगी। भाजपा ने गुजरात में भी निमाबेन आचार्य को विधानसभा अध्यक्ष बनाया है। बताया जा रहा है कि इस बार उत्तराखण्ड में महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा को बंपर वोटिंग की लिहाजा इसे पीएम मोदी का राज्य की महिलाओं को रिटर्न गिफ्ट माना जा रहा है। आइए अब जानते हैं ऋतु खंडूरी कौन हैं।
ऋतु ने इस बार पौड़ी जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीता लेकिन इससे पहले वह यमकेश्वर से विधायक रह चुकी हैं। उनका चमोली के खाल गांव से गहरा ताल्लुक है क्योंकि वह इस गांव की बहू हैं। ऋतु खंडूरी के विधानसभा
अध्यक्ष बनने पर गांव में उत्साह का माहौल है। गांव की बहू का इतने अहम पद तक पहुंचना गांव के लिए गर्व की बात तो है ही, यह गांव के विकास और भविष्य के लिए उम्मीद जगाने वाली खबर भी है। ऋतु खंडूरी पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी की पुत्री हैं और उनके पति राजेश भूषण बेंजवाल आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह मोदी सरकार में केंद्र में स्वास्थ्य सचिव के पद पर तैनात हैं। 56 वर्षीय ऋतु ने 1986 में मेरठ यूनिवर्सिटी के रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज से बीए ऑनर्स की डिग्री ली थी। सेना से रिटायर होकर सियासत में आए उनके पिता बीसी खंडूरी 2007 से 2009 और फिर 2011 से 2012 के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। वह सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे। 2012 के चुनाव में ‘खंडूरी है ज़रूरी’ के नारे के बावजूद वह कोटद्वार सीट से सुरेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ चुनाव हार गए थे। यहां से उनका राजनीतिक सफर लगभग समाप्त हो गया था।
उनकी विरासत संभालते हुए ऋतु ने राजनीति में कदम रखा और 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा। यमकेश्वर से जीत हासिल करने के बाद वह 2022 में कोटद्वार सीट से नेगी के ही खिलाफ चुनाव मैदान में उतरीं और उन्होंने अपने पिता की हार का बदला ले लिया। ऋतु के भाई मनीष खंडूरी कांग्रेस में हैं और 2019 में गढ़वाल सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।