जब इंतकाम के लिये बंदरों ने खेली खून की होली, पढ़िए जानवरों के बदले की सबसे बड़ी कहानी
महाराष्ट्र- बदला! एक ऐसी हनक जो इंसानों में आम बात है। बदले की भावना में किसी की जान ले लेना ये इंसानी फितरत ही तो है। लेकिन अगर हम कहें कि बदला लेने का जुनून केवल इंसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी होता है तो आप क्या कहेंगे। आप यही कहेंगे कि नहीं बदले की भावना में किसी की जान लेना इंसानों की फितरत हो सकती है जानवरों की नहीं। मगर ऐसा नहीं है अतीत में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जब जानवरों ने बदला लेने के लिये खूनी खेल को अंजाम दे दिया। आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बता रहे हैं जब बंदर के बच्चे को कुत्तों ने नोंच-नोंच कर मारा डाला और उसके बाद बदला लेने के लिये बंदरों ने उस इलाके के एक नहीं, दो नहीं बल्कि सैकड़ों कुत्ते के पिल्लों को मौत के घाट उतार दिया। घटना दो महीने पहले की है जब महाराष्ट्र में बंदरों और कुत्तों के बीच दुश्मनी का अजब खूनी खेल सामने आया।
जानवरों के बीच खून का बदला खून से लेने की ऐसी लड़ाई सामने आई जिसे देखकर हर कोई हैरान हो गया। बंदरों ने महाराष्ट्र के बीड जिले में 250 से ज्यादा कुत्ते के पिल्ले मार डाले। इस खून खराबे के पीछे की कहानी रोंगटे खड़ी करने वाली थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि दो माह पहले कुत्तों ने बंदर के एक बच्चे को नोंच-नोंचकर मार डाला था। जिसके बाद बंदरों ने इंतकाम लेने की ठान ली। बंदरों को जहां कहीं भी कुत्ते का पिल्ला मिलता, वो उसे तुरंत उठा लेते और किसी ऊंचाई वाली जगह या पेड़ पर ले जाकर नीचे छोड़ देते। ऊंचाई से गिरने के कारण कुत्ते के पिल्ले दम तोड़ देते। वन विभाग की टीम ने कुत्ते के पिल्लों को मारने में शामिल कई बंदरों को पकड़ा और उन्हें जंगलों में छोड़ दिया। जिसके बाद इस खून खराबे को रोका जा सका। नागिन का बदला और परिवार के किसी सदस्य की मौत होने पर हाथियों को सामुहिक मातम मनाना ऐसे कई किस्से हैं जो अकसर सुने जाते हैं। लेकिन बदला लेने के लिये बंदरों द्वारा किये गये इस खून खराबे की घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया। हालांकि ये घटना क्या वास्तव में बंदरों का इंतकाम था या कुछ और यह आज भी पहेली है।